शनिवार रात को 2 बजे हैं, आप और आपकी गर्ल फ्रेंड सो रहे हैं। अचानक आप महसूस करते हैं कि आपकी गर्लफ्रेंड आपको चुम्बन कर रही है। कुछ ही पलों में ओरल सेक्स तक बात पहुँच गयी और आपने पाया कि आपकी गर्लफ्रेंड शारीरिक आनंद के सागर में गोते खा रही है और आँहें भर रही है। आपको लगता है कि वो अब ओर्गास्म से ज़यादा दूर नहीं और जब ओर्गास्म होता है तो आप भांप लेते हैं।
क्या वाकई? अधिकतर महिलाएं अक्सर ओर्गास्म होने का अभिनय करती हैं और पुरुषों को इस बात का ज़रा भी अंदाज़ा नहीं हो पाता कि ओर्गास्म सचमुच नहीं हुआ।
नाटक
इसमें आश्चर्य नहीं है कि अभिनय करने के पीछे जो कारण हैं उनमें एक एक कारण है कि महिलाएं ऐसा करके अपने पुरुष साथी को बेहतर महसूस करना चाहती हैं, और जब कभी वो सेक्स के लिए उत्तेजित न हों तो उनके साथी को बुरा महसूस ना हो। ये अमरीका में कि गयी एक रिसर्च में पता चला। इसी अध्ययन के अधर पर ओर्गास्म का नाटक करने के कारणो का एक मापदंड भी तैयार किया गया।
इस अध्यन के दौरान 350 -400 यूनिवर्सिटी की उन महिलाओं को 2 अलग अलग सर्वे दिए गए जिन्होंने ओर्गास्म का अभिनय करने की बात को स्वीकारा था, जिसकी परिभाषा रिसर्चकर्ताओं ने,” अपने शारीर और मौखिक संकेतों के ज़रिये किसी भी कारण से ऐसा दिखाना या नाटक करना जैसे की ओर्गास्म हुआ हो” बतायी है। सर्वे ने महिलाओं ने इस अभिनय के पीछे के उनके कारण को अंकित किया।
ज्यादा मज़ा
सर्वे के परिणाम दर्शाते हैं कई बार इस अभिनय की वजह महिला का पार्टनर नहीं बल्कि खुद का मज़ा होता होता है। महिलाएं इस तरह आँहें भर्ती हैं और अपने शरीर को हिलाती हैं जिससे उन्हें खुद ज़यादा शारीरक उत्तेजना महसूस होती है।
कामुक आँहें और शरीर का हिलना दोनों पार्टनर्स के उत्तेजना स्तर में वृद्धि करता है, रिसर्च ने इस बात की पुष्टि की है। ये तर्क इस बात के विरुद्ध जाता है की महिलाएं ओर्गास्म का दिखावा सिर्फ और सिर्फ अपने पार्टनर को खुश करने के दबाव में करती हैं।
चिंता और दबाव
लेकिन सारी खबर अच्छी नहीं है। महिलाएं ओर्गास्म का नाटक नकारत्मक भाव, डर, और ओर्गास्म न हो पाने की शर्म से बचने के लिए भी करती हैं। फिर भी रिसर्च के अनुसार सेक्स के दौरान महिलाओं का ओर्गास्म न होना आम बात है। लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं सेक्स के दौरान ओर्गास्म तक नहीं पहुँच पाती।
और दूसरे अवसरों पर शायद ये सिर्फ सेक्स को ख़तम करने के उद्देश्य से किया जाता है। हो सकता है की उन्हें सेक्स करने में मज़ा नहीं आ रहा हो, शायद वो सोना चाहती हो या फिर शायद वो अपने साथी को अटपटा महसूस न करना चाहती हो अपने आगे के सेक्स जीवन को नज़र में रखते हुए।
ये सभी लक्षण एक बात ज़रूर दर्शाते हैं। वो ये की दोनों पार्टनर्स के बीच संवाद की कमी है। अपनी पसंद, नापसंद एक दूसरे को बताना स्वस्थ सेक्स जीवन का आधार है। और यह बात पुरुष और महिला दोनों पर लागू होती है – क्यूंकि ज़्यादातर लोग शायद नहीं जानते होंगे की पुरुष भी ओर्गास्म होने का अभिनय करते हैं!