Sex addiction: good or bad
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सेक्स हर प्राणी के लिए आवश्यक है, चाहे वो कोई जानवर हो या मनुष्य। पृथ्वी पर जीवों की अनुवांशिकता से ही संसार चलता है। मगर हर चीज़ की लत बहुत बुरी होती है, चाहे वो सेक्स ही क्यों न हो। सेक्स की लत केवल पुरुषों में ही नहीं होता, लगभग 12 प्रतिशत महिलाएं भी सेक्स की लत की शिकार हैं। अकेली या ऐसी महिलाएं, जिनके पास कमिटेड रिश्ते निभाने के लिए समय का अभाव है, सेक्स की लत का शिकार हो सकती हैं। ऐसी कई महिलाएं है, जो अकेलेपन या डिप्रेशन की वजह से अपने सहकर्मियों या अन्य नजदीकी सम्बन्धी से यौन सम्बन्ध बना लेती है, जो बाद में कभी ही शायद टूटे। ऐसे रिश्तो की लगातार एक chain सी बनती जाती है और आप उस बुरी लत की शिकार हो जाते है।
महिलाओं के लिए सेक्स Self existence से जुड़ा होता है। अत: सेक्शुअल संबंध उनके हौसले को बढ़ा भी सकता है और आत्मविश्वास को कम भी कर सकता है। शारीरिक रूप से पुरुष द्वारा वांछनीय होने के एहसास से कई महिलाएं बेहतर महसूस करती हैं, पर समस्या तब होती है, जब कोई महिला प्यार न मिलने पर या ध्यान आकर्षित कराने की इच्छा की पूर्ति सेक्स के ज़रिए कराना चाहती है। साइकियाट्रिस्ट प्रकाश शिन्त्रे कहते हैं- ‘‘एकाध बार ऐसा होना स्वाभाविक है, पर हर बार जब अच्छा महसूस न हो, तब सेक्शुअल संबंध बनाना सेक्स की लत की श्रेणी में आता है। सेक्स की लत एक मानसिक समस्या है, अत: इसका इलाज साइकोलॉजी पर आधारित होता है। ऐसे लोगो को यह समझाना होता है कि सेक्स उनके तनाव का सिर्फ़ अस्थाई समाधान है, स्थाई हल नहीं। इसके इलाज में लगनेवाला समय हर व्यक्ति के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।”
डॉ शिन्त्रे बताते हैं- ‘‘मेरी एक मरीज़ की परवरिश ऐसे माहौल में हुई थी जहां सेक्स के बारे में बातचीत करने की भी मनाही थी। अत: पहले इंटरकोर्स के बाद उसे इसका लुत्फ़ उठाने की ग्लानि होने लगी, पर आनंद की वजह से वो सेक्स से मना भी नहीं कर पाई। परिणाम ये हुआ कि उसे अपने पति में बिस्तर के अलावा कोई रुचि ही नहीं थी।’’
सेक्स एडिक्शन के संकेत:-
1. सेक्स करने की इच्छा इतनी बढ़ जाए कि हर काम प्रभावित होने लगे।
2. ऑफिस, घर, पढ़ाई आदि में ध्यान न लग पाना।
3. सेक्सुअल एक्टिविटी के गंभीर परिणामों का अंदाज़ा होते हुए भी उस एक्टिविटी से बाहर न निकल पाना।
4. दो-तीन बार पार्टनर के साथ सेक्स करने के बाद भी संतुष्ट न होना और दूसरी महिलाओं या पुरुषों के साथ संबंध बनाना।
5. दिनभर पोर्न फिल्में देखना. सेक्स एडिक्ट्स कई बार ये भी ध्यान नहीं देते कि वो कहां हैं, ऑफिस, कॉलेज, सार्वजनिक जगह पर पोर्न वीडियोज़ या फोटोज़ देखने लगते हैं।
6. मास्टरबेट करने पर भी संतुष्टि न मिलना।
7. पार्टनर के साथ निर्दयतापूर्वक सेक्स करने में ख़ुशी मिलना।
8. ज़्यादा से ज़्यादा समय सेक्स और सेक्सुअल एक्टिविटीज़ के बारे में सोचते रहना।
9. सेक्सुअल गतिविधियों पर पैसे खर्च करना।
10. सेक्सुअल एक्टिविटीज़ से दूर होने पर ग़ुस्सा, बेचैनी, उदासी, कुंठा, एकाग्रता की कमी आदि महसूस होने लगना।