Monday, December 23, 2024
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बाथरूम बनाते समय बरतें ये सावधानियों

SI News Today

भारत में वास्तुशास्त्र का अपना ही महत्व है। जानकारों का कहना है कि घर बनाते समय वास्तु नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर घर बनाते समय वास्तु नियमों का ध्यान नहीं रखा जाता है तो घर में कई तरह की समस्याएं आ जाती हैं। आज हम आपके लिए लाए हैं वास्तु शास्त्र के कुछ खास टिप्स जिसे अपनाकर आप कई तरह की समस्याएं दूर कर सकते हैं। ऐसे में हम बता रहे हैं घर में बाथरूम बनाते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

फेंगशुई के मुताबिक बाथरूम को दोष मुक्त बनाने के लिए कई बातों का ख्याल रखना चाहिए। जैसे कि बाथरूम के दरवाजे के ठीक सामने दर्पण नहीं लगाना चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है। अगर स्नानघर में शौचलय बनाना भी पड़े तो इसे एक कोने में बनाए।

बाथरूम में शौचलय और स्नानघर एक साथ बनाने का रिवाज चल रहा है लेकिन वास्तुशास्त्र इसे सही नहीं मानता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार ये ठीक नहीं है क्योंकि स्नानघर चन्द्रमा का कारक है तो वहीं शौचालय को राहू का स्थान माना गया है। जब ये दोनों मिलते हैं तो घर में मानसिक और डिप्रेशन की बीमारियां हो सकती हैं।

वास्तुशास्त्र के अनुसार बाथरूम में कमोड को इस तरह बनाना चाहिए कि बैठने वाले का मुंह उत्तर दिशा की ओर पीठ दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। गीजर आदि को बाथरूम के आग्नेय कोण में ही रखें। वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार स्नान घर और शौचालय अलग-अलग जगह पर होना चाहिए। लेकिन जगह की कमी के कारण ये संभव नहीं हो पाता।

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