Many innocent boys are caught every year in the false cases of rape, know how ..
हमारे देश में कई ऐसी महिलाएं हैं जो अपने मतलब के लिए, अपने किसी घटिया मकसद के लिए या फिर कई बार सिर्फ पैसे के लिए किसी पुरूष पर रेप जैसा घटिया इल्ज़ाम लगाने से भी पीछे नहीं हटती। शायद ये जानकर हैरानी होगी लेकिन अप्रैल 2013 से जुलाई 2014 के बीच दिल्ली में रेप के 2753 मामले दर्ज हुए, जिनमें से 1464 मामले झूठे थे। आंकड़े सच में चौंका देने वाले हैं।
झूठे इल्ज़ामों का खामियाज़ा सिर्फ उन पुरूषों को ही नहीं भुगतना पड़ता जो इन आरोपों का शिकार बनते हैं, बल्कि उन महिलाओं को भी भुगतना पड़ता है जो सच में रेप पीड़िता होती हैं। इन शातिर महिलाओं की वजह से असल रेप विक्टिम्स को न्याय नहीं मिल पाता। ऐसे केसेज़ में आंख बंद कर महिलाओं पर विश्वास करने की कई वजहें हैं, जिनमें से एक वजह महिलाओं को कमज़ोर समझा जाना है। इसके अलावा हमारे देश में महिलाओं के खिलाफ जिस तरह से क्राइम केसेज़ बढ़ते जा रहे हैं, उस वजह से भी झूठे मामलों को भी सच्चा मान लिया जाता है।
‘स्त्रीत्व’ और ‘पौरुष’ की लड़ाई में औरतों का ‘विक्टिम कार्ड’ खेलना आसान होता है। और झूठे इल्जा़मों के इस भंवर में कुछ बेकसूर पुरूष इस तरह फंसते हैं कि सिर्फ उन्हें ही नहीं, बल्कि उनके परिवार को भी कई यातनाओं से गुज़रना पड़ता है। पुरूषों की सुरक्षा के लिए भी कानून में कई प्रावधान हैं जिनकी उन्हे सहायता लेनी चाहिए। इसके अलावा समाज के लोगों के लिए भी ज़रूरी है कि महज एक औरत के इल्ज़ाम लगा देने से किसी पुरूष को चरित्रहीन या दोषी नहीं मान लेना चाहिए और ऐसा झूठा इल्ज़ाम लगाने वाली महिलाओं चाहिए कि अपने किसी भी घटिया मकसद के लिए इस हद तक गिरना आपके नारी होने की गरिमा को शोभा नहीं देता।
ऐसे लड़कों और पुरुषों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए जो सच में अपराधी है, लेकिन लड़कों और पुरुषों को भी सहायता मिलनी चाहिए जो बिना किसी कुसूर के इस इल्ज़ाम में फंस जाते हैं और इस विषय पर ऐसे पुरुषों के लिए भी आवाज़ उठाई जानी चाहिए।