Thursday, April 24, 2025
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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एम्स में हुए भर्ती!

SI News Today
Former Prime Minister Atal Bihari  admitted in AIIMS!

   

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को एम्स में भर्ती कराया गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे हैं। साल 2008 से वे पब्लिक लाइफ से दूर हैं. उनकी तबियत ज्यादा खराब है। सूत्रों का कहना है कि डॉक्टरों सलाह पर वाजपेयी को रूटीन चेकअप के लिए एम्स लाया गया है. चिंता की कोई बात नहीं है। उन्हें आखिरी बार साल 2015 में देखा गया था, जब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी खुद उनके घर जाकर उन्हें भारत रत्न सौंपा था।

मालूम हो कि अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म मध्यप्रदेश के ग्वालियर में 25 दिसम्बर 1924 को हुआ था. उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी शिक्षक थे। उनकी माता कृष्णा जी थीं. वैसे मूलत: उनका संबंध उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के बटेश्वर गांव से है लेकिन, पिता जी मध्यप्रदेश में शिक्षक थे. इसलिए उनका जन्म वहीं हुआ। लेकिन, उत्तर प्रदेश से उनका राजनीतिक लगाव सबसे अधिक रहा। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से वे सांसद रहे थे।

अटल बिहारी वाजपेयी भारत की राजनीति को एक नए दौर में ले गए थे। उन्होंने 20 से ज्यादा पार्टियों का गठबंधन बनाकर सरकार को बखूबी चलाकर दिखाया था। सबको साथ लेकर चलने का ये गुण Management के छात्रों के काम आ सकता है। उन्होंने पूरी दुनिया को ये बताया कि सिद्धांतों के आधार पर गठबंधन की राजनीति कैसे की जाती है।

राजनीति में संख्या बल का आंकड़ा सर्वोपरि होने से 1996 में उनकी सरकार सिर्फ एक मत से गिर गई और उन्हें प्रधानमंत्री का पद त्यागना पड़ा। यह सरकार सिर्फ तेरह दिन तक रही। बाद में उन्होंने प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई। इसके बाद हुए चुनाव में वे दोबारा प्रधानमंत्री बने। राजनीतिक सेवा का व्रत लेने के कारण वे आजीवन कुंवारे रहे। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लिए आजीवन अविवाहित रहने का निर्णय लिया था।

अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी राजनीतिक कुशलता से भाजपा को देश में शीर्ष राजनीतिक सम्मान दिलाया। दो दर्जन से अधिक राजनीतिक दलों को मिलाकर उन्होंने राजग बनाया जिसकी सरकार में 80 से अधिक मंत्री थे, जिसे जम्बो मंत्रीमंडल भी कहा गया। इस सरकार ने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।

अटल बिहारी वाजपेयी 50 से ज्यादा वर्षों तक राजनीति में रहे, लेकिन उन पर कभी कोई दाग नहीं लगा। ये बहुत बड़ी बात है।देश के युवा नेताओं को अटल जी से प्रेरणा लेनी चाहिए। अटल जी जब विपक्ष में रहे तो सरकार ने उन्हें बहुत सम्मान दिया और जब वो सरकार में रहे तो विपक्ष ने उन्हें बहुत सम्मान दिया। वो किसी दल के नहीं बल्कि पूरे देश के नेता थे और ये बात समय-समय पर साबित होती रही।

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