Kanpur is making a strategy to make India off successful on September 28th
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के 28 सितंबर 2018 को “भारत व्यापार बंद” के आवाहन पर आज आदर्श व्यापार मण्डल कानपुर(पूर्वी) की एक विशेष बैठक मुख्य कार्यालय सैनिक नगर अहिरवां में आहूत की गई। बैठक का मुख्य विषय कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इण्डिया ट्रेडर्स” द्वारा आगामी 28-सितम्बर को वालमार्ट और फ्लिप्कार्ट डील के विरोध और व्यापारियों के लिए अभिशाप बनी धारा 411 व 412 में बदलाव की मांग को लेकर भारत व्यापार बंद रहा। बैठक में कैट के प्रदेश महामंत्री श्री पंकज अरोरा संगठन मंत्री श्री अजय तिवारी जिला अध्यक्ष श्री अशोक बाजपेयी जिला महामंत्री श्री उमा शंकर चौरसिया श्री अजीत ओमर प्रभारी श्री कमल वर्मा सहित आदर्श व्यापार मण्डल के अध्यक्ष श्री महेश वर्मा महामंत्री श्री रजत पाण्डे और टीम कैट कानपुर के सभी मुख्य पदाधिकारी उपस्थित हुए।
बैठक को संबोधित करते हुए श्री पंकज अरोरा ने कहा कि खुदरा व्यापार के सम्बन्ध में एक मिथ्य यह है कि मुहल्लों एवं कालोनियों में मौजूद किराना, दैनिक उपयोग की वस्तु (जनरल मर्चेंट), सब्जी, फल विक्रेता ही खुदरा व्यापारी है जबकि कोई भी व्यापारी किसी वस्तु को उपभोक्ता को बेचता है वह खुदरा व्यापारी की श्रेणी में आता है। वह बर्तन, जूता, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक, फर्नीचर, स्टेशनरी, कपडा कोई भी उत्पाद हो सकता है। खुदरा व्यापार का आरम्भ मनुष्य सभ्यता के साथ ही प्रारम्भ हुआ और तब से यह असंगठित छेत्र में ही रहा है। आज भारत में लगभग 6.5 करोड़ व्यापारी हैं जो 85% बाजार भागीदारी के साथ देश की GDP में 45% योगदान करते हैं। इतना ही नहीं लगभग 40 करोड़ अकुशल श्रमिक को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराते हैं। चाइना के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है इसलिए अपने अधिक उत्पादन से परेशान उत्पादक देशों की निगाहें 20 लाख करोड़ से अधिक के भारत के खुदरा बाजार पर लगी हैं और येन केन प्रकारेण वो भारत के खुदरा बाजार में प्रवेश कर लेना चाहते हैं। जैसाकि अभी वालमार्ट ने भारतीय ई-कामर्स कम्पनी फ्लिपकार्ट को खरीद कर किया. सुनने में आ रहा है कि रिलायन्स भी अपने रिटेल कारोबार को चाइना की कंपनी अलीबाबा को बेचने की फ़िराक में है BigBazar और स्पेंसर जैसे स्टोर मानसिक रूप से अपने बिकने की तैयारी कर चुके हैं। विश्व की सबसे बड़ी ई-कामर्स कंपनी अमेज़ॉन भी भारत में अपना पार्टनर ढूंढ रही है।
कैट कानपुर अध्यक्ष श्री अशोक बाजपेयी ने कहा आज ये बड़े स्टोर और ई-कामर्स कम्पनी जिन देशों में गए हैं वहां का परपरागत खुदरा व्यापार समाप्त होता गया है. यह बाजार पर कब्ज़ा करने के लिये सबसे पहले प्रतिस्पर्धा को समाप्त करते हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका के 92% खुदरा बाजार पर 3 कंपनियों का कब्ज़ा है। यहाँ यह भी ध्यान रखना होगा कि सस्ता माल बेचने के लिए इन्हें सस्ता माल खरीदना भी होगा और अपनी वैश्विक उपस्थिति के कारण उस देश से खरीदेंगी जहाँ वह सस्ता होगा। इससे भारत के उद्योगों और भारतीय ब्रांड पर बुरा प्रभाव पड़ेगा भारतीय ब्रांड धीरे-धीरे ख़त्म हो जायेंगे और एक दिन इनकी शर्तों पर माल बनाना भारतीय कंपनियों की मजबूरी होगी आदर्श व्यापार मंडल पूर्वी के अध्यक्ष महेश वर्मा ने कहा सर्राफा व्यापारियों के लिए लिए धारा 411 व 412 आज के समय में काल बन गई है किसी भी चोर की बात को सच मानकर पुलिस सर्राफा व्यापारियों का उत्पीड़न करती है भले ही चोर से व्यापारी ने माल खरीदा हो या न । ऐसे इन धाराओं के दुरुपयोग होने से सर्राफा व्यापारी असहज है और इन धाराओं में संशोधन होना अति आवश्यक है। साथ ही विदेशों में कर्ज पर ब्याज की दर 0% से 2.5% है जबकि भारत में 11% से 18% तक ऐसे में भारत का छोटा व्यापारी कैसे इन मगरमच्छों से लड़ पायेगा सरकार ने बड़े स्टोर को 24X7 खुलने की अनुमति दी है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, शॉप एंड स्टैब्लिशमेंट एक्ट, लेबर एक्ट, निगम कर, पैकजिंग एंड मेसौरमेंट एक्ट आदि अव्यवहारिक कानून विदेशी कंपनियों के दबाव पर व्यापारियों पर लागू किये हैं महामंत्री श्री रजत पाण्डे ने कहा कि यदि कानपुर महानगर के सन्दर्भ में देखें तो बिग बाजार, स्पेंसर, विशाल के आने के बाद बहुत से खुदरा कारोबारियों का व्यापार प्रभावित हुआ है कुछ तो स्टोर तो बन्दी की कगार पर पहुँच गए है। श्री अजीत ओमर ने कहा कि सरकार को इन बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के लिए रेड कार्पेट बिछाने से पहले यह सोचना चाहिए कि भारत का व्यापारी सिर्फ धन कमा कर टैक्स ही नहीं जमा करता है बल्कि सामाजिक कार्यों में जैसे सूखा, बाढ़, गर्मी में प्याऊ, वृक्षारोपण, धर्म-कर्म आदि में भी शारीरिक एवं आर्थिक मदद करता है. क्या ऐसे मौकों पर विदेशी कंपनियों ने सरकारी कोष में धन दिया है।
देश के 6:30 करोड़ खुदरा रिटेल व्यापारी और उनके साथ जुड़े 400000000 कर्मचारी आज देश में केंद्र सरकार की एफडीआई यानी खुदरा बाजार में विदेशी पूंजी निवेश और वालमार्ट Flipkart ई-कॉमर्स कंपनी की डील से प्रभावित हो रहे हैं यदि ऐसा होता है तो हमारे देश के छोटे-छोटे शहरों के खुदरा व्यापारियों का व्यापार बंद हो जाएगा। बैठक में समावेत स्वर में घोषणा की गई कि कैट के आवाहन पर 28 सितंबर को “FDI के विरोध में और धारा 411 व 412 में संसोधन” की मांग को ले कर पूरे भारत के समस्त व्यापारी व्यापार बंद रखेंगे बैठक में मुख्य रूप से अमित स्वर्णकार, रजत पांडे, सत्येंद्र सिंह, हरि नारायण तिवारी, रजनीश सोनी, संतोष सोनी, विनोद विश्वकर्मा, विनोद शुक्ला, जितेंद्र वर्मा, कमल सोनी, रमन मिश्रा, घनश्याम सिंह आदि ने भी अपने विचार रखे।
Reported By- Sandeep Kumar (Fatehpur/Unnao/Kanpur)