इस साल जून महीने में भारतीय रेलवे ‘बिना इंजन’ की हाई स्पीड ट्रेन को लॉन्च करने जा रहा है। 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेन 18 को जून महीने में पटरी पर उतारे जाने की तैयारी है। इस ट्रेन का नाम ट्रेन 18 इसलिए दिया गया है, क्योंकि इसे 2018 में लॉन्च किया जा रहा है। इसके अलावा इसी खास तकनीक का इस्तेमाल करते हुए दूसरी एक अन्य ट्रेन का निर्माण किया गया है, जिसे ट्रेन 20 नाम दिया गया है। यह ट्रेन साल 2020 में पटरी पर उतारी जाएगी, इसलिए इसका नाम ‘ट्रेन 20’ रखा गया है।
इन दोनों ट्रेनों का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) चेन्नई में किया जा रहा है। आईसीएफ के जनरल मैनेजर सुधांशु मणि ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस साल जून में ट्रेन 18 को पटरी पर उतारने की तैयारी है। इस ट्रेन की खासियत यह है कि इसमें लोकोमोटिव इंजन नहीं होगा। इसकी जगह ट्रेन के हर कोच में ट्रेक्शन मोटर्स लगे होंगे, जिनकी मदद से सभी कोच पटरियों पर दौड़ेंगे। इसकी एक अन्य खासियत यह है कि यह ट्रेन स्टील की बनी है और यह कंपनरहित है। यह पूरी तरह से स्वदेशी कोच हैं, इनका पूरा निर्माण भारत में ही हुआ है।
वहीं ड्राइवर का कैबिन ट्रेन के दोनों छोरों पर होगा, इसका मतलब है कि ये ट्रेन एक ही पटरी पर आगे-पीछे दोनों दिशाओं में चल सकती है। इसमें ट्रेन की दिशा बदलने के लिए इंजन नहीं बदलना होगा। इस ट्रेन के हर कोच में ट्रेक्शन मोटर्स लगे होंगे, जिसके कारण यह तेजी से पटरी पर दौड़ेगी। आईसीएफ के डिजाइनर्स के मुताबिक हर कोच में मोटर लगाने वाली तकनीक का इस्तेमाल पूरे विश्व में किया जा रहा है। शताब्दी ट्रेनों की कोचों की तरह ही ट्रेन 18 में भी सेकेंड क्लास और प्रीमियम फर्स्ट क्लास होगा।
दोनों ही तरह के कोचों में ऑटोमेटिक दरवाजे होंगे और मनोरंजन के लिए वाई-फाई की व्यवस्था होगी। ट्रेन 18 शताब्दी ट्रेनों को और ट्रेन 20 राजधानी ट्रेन को रिप्लेस करेगी। ट्रेन 20 की यह खासियत है कि इसकी बॉडी एलुमिनियम की है। रिपोर्टस के मुताबिक ट्रेन 18 के प्रत्येक कोच के निर्माण में 2.50 करोड़ रुपए का खर्च आ रहा है तो वहीं ट्रेन 20 के प्रत्येक कोच के निर्माण में 5.50 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।