उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार में पार्टी के ही कार्यकर्ताओं में असंतोष दिख रहा है। अभी हाल ही में सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर हमला बोला था। अब ऐसा ही एक और मामला सामने आया है। इस पार सरकार के एक कैबिनेट मंत्री को अपने ही पार्टी कार्यकर्ता के विरोध का सामना करना पड़ा है। प्रदेश के संतकबीरनगर में एक बीजेपी कार्यकर्ता की नाराजगी इतनी बढ़ गई कि उसने मेडिकल शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन को भरी सभा खरी-खोटी सुना डाली।
संतकबीरनगर में शुक्रवार को कार्यकर्ताओं की बैठक में एक बीजेपी कार्यकर्ता ने आशुतोष टंडन को सीधे-सीधे नसीहत दे डाली कि जिस कार्यकर्ता ने पार्टी के लिए मेहनत की, उसे आज कोई पूछने वाला नहीं है। कार्यकर्ता बेहद खफा नजर आया। वो मंत्री आशुतोष टंडन के सामने सरेआम भड़क उठा। पार्टी कार्यकर्ता ने मंत्री से कहा कि बीजेपी सरकार में कार्यकर्ताओं का काम नहीं होता है, जबकि पिछली सरकारों के कार्यकाल में कार्यकर्ताओं के काम नहीं रुकते थे। भड़के कार्यकर्ता को मनाने में योगी सरकार के मंत्री को काफी मुश्किलें पेश आईं। आशुतोष टंडन यहां बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने और विकास कार्यों की समीक्षा करने आए थे।
अभी हाल ही में यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बड़ा बयान दिया था। राजभर ने कहा था कि इस सरकार के कार्यकाल में करप्शन कम नहीं हुआ है बल्कि बढ़ा ही है। राजभर ने कहा कि करप्शन में इजाफा कोई थोड़ा मोड़ा नहीं बल्कि दस गुणा हुआ है। ओम प्रकाश राजभर ने बड़ी बेबाकी से कहा, ‘ऐसा दावा किया जा रहा है कि बीजेपी के शासन में केन्द्र और राज्य सरकार में करप्शन में कमी आई है, लेकिन ऐसा नहीं है, पहले 500 रुपये का भ्रष्टाचार होता था, लेकिन अब 5 हजार रुपये का हो रहा है।’
ओम प्रकाश राजभर ने केन्द्र की नरेंद्र मोदी और यूपी की योगी सरकार से आरक्षण नीति तय करने की मांग भी की थी। उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा नहीं होता है तो सरकार को फिलहाल भर्तियों पर रोक लगानी चाहिए। ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि आरक्षण नीति में स्पष्टता नहीं आती है और दलित समाज का भला नहीं होता है, तो वह सरकार से दूरी बनाने को भी तैयार हैं। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि वह दलित समुदाय के हितों की रक्षा के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हैं, और इसमें मंत्री पद की कुर्बानी भी शामिल है।