कासगंज में सोमवार को एक बार फिर तनाव का माहौल बन गया जब मुस्लिम बहुल इलाके गंजदुद्वारा में स्थित मस्जिद के मुख्य द्वारा को कुछ अज्ञात लोगों ने आग लगा दी। इस मामले में दो पुलिस कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है जो कि उस वक्त इलाके में ड्यूटी पर थे। इस मामले के बाद इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा यात्रा को लेकर हिंसा भड़क गई थी, जिसमें एक लड़के की मौत हो गई जबकि एक अन्य घायल हो गया था। इस घटना के बाद से जिले में हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच तनाव है। मस्जिद का गेट जलाने वाली घटना उस समय सामने आई जब स्थानीय लोग सुबह की नमाज अदा करने के लिए मस्जिद पहुंचे थे।
स्थानीय लोगों ने देखा कि मस्जिद का मुख्य द्वारा जल रहा था। इस खबर के इलाके में फैलते ही वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई और उन्होंने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, जिला मजिस्ट्रेट आरपी सिंह और एसपी पीयूष श्रीवास्तव के साथ कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने लोगों को शांत कराया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को भरोसा दिलाया कि जिन लोगों ने भी इस घटना को अंजाम दिया है उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद मस्जिद के केयरटेकर मोहम्मद मुफीद द्वारा अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 295 और 436 के तहत स्थानीय पुलिस थाने में केस दर्ज कराया गया।
गंजदुद्वारा पुलिस थाने के एसओ लक्ष्मण वर्मा ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि सुबह करीब 3:50 बजे पुलिस कंट्रोल रूम को अज्ञात बदमाशों द्वारा मस्जिद का दरवाजा जलाने की सूचना मिली थी। पुलिस मौके पर पहुंची तो मस्जिद का दरवाजा जल रहा था। काफी संख्या में स्थानीय लोग वहां जमा थे और वे प्रदर्शन कर रहे थे। उन्हें बहुत समझाया गया लेकिन वे वापस केवल एक ही शर्त पर जाने के लिए तैयार हुए। उनका कहना था कि आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी तो ही वे अपना विरोध खत्म कर वहां से जाएंगे। वहीं पटियाली इलाके के सर्किल ऑफिसर करम वीर सिंह ने कहा “फिलहाल इस मामले की पूरी जांच की जा रही है। हम यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कहीं यह आग शॉर्ट सर्किट के कारण तो नहीं लगी है। हम इस मामले में सभी एंगल से जांच कर रहे हैं। फिलहाल मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।”