सलमान खान को अपने जातिसूचक टिप्पणी विवाद में राजस्थान हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सोमवार को कोर्ट ने सलमान के खिलाफ इस मामले में सभी कार्रवाई पर रोक लगा दी है. बता दें कि सलमान पर जातिसूचक बयानबाजी का आरोप लगाते हुए राजस्थान के चुरू जिले में शिकायत दर्ज कराई गई थी. इस मामले में अब कोर्ट ने शिकायतकर्ता और राज्य सरकार को भी एक नोटिस जारी किया है.
जातिसूचक बयानबाजी के चलते फंसे थे सलमान और शिल्पा शेट्टी
आपको बता दें कि चुरू जिले के रहनेवाले अशोक पनवर ने सलमान खान और शिल्पा शेट्टी के खिलाफ कोतावाली पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज कराया था. अपनी शिकायत में उन्होंने कहा था कि सलमान और शिल्पा ने अनुसूचित जाति और जनजाति के खिलाफ गलत ढंग से बयानबाजी करके उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है.
सलमान ने लगाई हाई कोर्ट से गुहार
इसके बाद सलमान खान ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करके कहा कि उनके खिलाफ दर्ज इस एफआईआर को खारिज किया जाए. काउंसल महेश बोरा ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि सलमान ने किसी भी तरह से अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है और ना ही किसी कम्युनिटी की भावनाओं को आहत करने के लिए बयान दिया है. बल्कि उन्होंने अपने डांस स्किल्स पर कमेंट किया था. इसलिए एससी एसटी एक्ट के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया है. इसके बाद कोर्ट ने शिकायतकर्ता और राज्य सरकार को चार हफ्तों के भीतर अपना जवाब पेश करने को कहा.
वाल्मीकि समाज ने किया था सलमान का विरोध
बता दें कि सलमान ने ‘टाइगर जिंदा है’ के प्रमोशन के खिलाफ ‘भंगी’ शब्द का इस्तेमाल किया था. इसके खिलाफ वाल्मीकि समाज ने सलमान का जमकर विरोध किया था. यहां तक कि उनकी फिल्म ‘टाइगर जिंदा है’ को रिलीज न होने देने की धमकी भी दी गई थी. इसके चलते राजस्थान के जयपुर, अजमेर समेत कई शहरों में सलमान के पुतले फूंके गए और उनका विरोध किया गया.