शाहरुख खान, काजोल, सलमान खान, रानी मुखर्जी और सना सईद जैसी सितारों से सजी फिल्म “कुछ कुछ होता है” 1998 की ब्लॉकबस्टर हिट साबित हुई थी। करण जौहर के निर्देशन में बनी इस फिल्म का टाइटल ट्रैक “कुछ कुछ होता है” को जावेद अख्तर ने लिखा था। इस गाने के बोल सुनकर किसी को यह लग सकता है कि इसे लेखक ने बहुत ही शिद्दत के साथ लिखा होगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था। वास्तव में यह गाना लिरिसिस्ट जावेद अख्तर में गुस्से में आकर लिख दिया था जिसे करण ने फिल्म में लेने का फैसला किया और गाना देखते ही देखते लोगों की जुबान पर चढ़ गया।
चलिए आपको अब पूरा वाकया विस्तार से बताते हैं। असल में करण जौहर ने जब अपनी फिल्म का नाम “कुछ कुछ होता है” फाइनल किया। करण को फिल्म के लिए शानदार रोमांटिक गानों की जरूरत थी। करण जावेद अख्तर के पास पहुंचे और उनसे फिल्म का टाइटल ट्रैक लिखने की गुजारिश की। जब जावेद साहब को फिल्म का नाम पता चला तो वह अचानक से भड़क गए। उन्होंने करण से कहा कि यह क्या डबल मीनिंग नाम है। पहले आप फिल्म का नाम बदलिए। इस पर करण ने कहा कि ठीक है हम फिल्म का नाम बदलने के बारे में विचार करते हैं तब तक आप कुछ तो लिखिए।
करण की इस गुजारिश पर कि आपके दिमाग में जो कुछ भी आ रहा हो लिख दीजिए। जावेद ने यह बोल लिख दिए “अब तो मेरा दिल जागे ना सोता है, क्या करूं हाय कुछ कुछ होता है”। ये लाइन्स लिखने के बाद जावेद अख्तर ने कागज करण जौहर पर फेंक दिया और कहा कि अब जाओ और फिल्म का नाम बदल कर आओ। करण ने फिल्म का नाम बदलने के बजाए अपना लिरिसिस्ट बदल दिया। लेकिन जो लाइनें जावेद साहब ने उन्हें लिख कर दी थीं लिरिसिस्ट समीर ने उन्हीं लाइनों पर पूरा गाना लिख डाला। यह गाना इतना हिट हुआ कि इसे नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था।