उत्तर के प्रदेश के इलाहाबाद में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से ने शुक्रवार (16 मार्च) को फर्जी बाबाओं की तीसरी लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में दो मशहूर नामों को शामिल किया गया। अखाड़ा परिषद की लिस्ट में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी महाराज और कल्कि फाउंडेशन के संस्थापक आचार्य प्रमोद कृष्णम को भी फर्जी बाबा घोषित किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आखाड़ा परिषद ने कहा है कि दोनों बाबा किसी संन्यासी परंपरा से नहीं आए हैं। अखाड़ा परिषद की बैठक में कुंभ मेले को लेकर भी प्रस्ताव पास किए गए। अपने बचाव में स्वामी चक्रपाणी ने अखाड़ा परिषद और इसके महंत नरेंद्र गिरी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद और इसके संत फर्जी हैं। चक्रपाणी ने मीडिया से कहा- ”वास्तव में जब दूसरी लिस्ट जारी की गई थी तब मैंने कहा था कि अखाड़ा परिषद और नरेंद्र गिरी फर्जी हैं। अखाड़ परिषद और इसकी फर्जी संस्था का कोई पंजीकरण नहीं है। एक आदमी पागल हो जाता है तो वह किसी से कुछ भी कह सकता है।
चक्रपाणी ने आगे कहा- ”दूसरी लिस्ट जारी करते समय, जिसमें कई जाने-माने नाम शामिल थे, मैंने उन्हें चेतावनी दी थी और यह साफ किया था कि मैं संत समाज का प्रमुख हूं। अब मैं अखाड़ा परिषद और इसके महंत नरेंद्र गिरी को बाहर निकाल दूंगा।” आचार्य प्रमोद कृषणम लिस्ट में दूसरा नाम हैं। कृष्णम संभल पीठ के पीठाधीश्वर है और 2014 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। बता दें कि पिछले वर्ष सितंबर में अखाड़ा परिषद ने 14 फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की थी, जिसमें आसाराम बापू, राधे मां, सच्चिदानंद गिरि, गुरमीत राम रहीम, निर्मल बाबा, इच्छाधारी भीमानंद, असीमानंद, नारायण साईं, रामपाल आचार्य कुशमुनी, बृहस्पति गिरि और मलखान सिंह के आदि के नाम शामिल थे।
अखाड़ा परिषद की दूसरी लिस्ट में दिल्ली के वीरेंद्र देव दीक्षित, बस्ती के सच्चिदानंद सरस्वती, इलाहाबाद की एक महिला संत और परी अखाड़ा के स्वयंभु महामंडलेश्वर और त्रिकाल भावनता का नाम भी शामिल था। राजस्थान के अलवर से फलाहारी बाबा को भी रेप के आरोप लगने के बाद अखाड़ा परिषद ने निलंबित कर दिया था।