पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग को अपना आदर्श मानने वाले 19 वर्षीय तेजस्विन शंकर क्रिकेटर बनाना चाहते थे, लेकिन उन्होंने एथलेटिक्स में जाने का फैसला किया. शंकर के अनुसार क्रिकेट हमारे देश में सबसे ज्यादा खेला जाने वाला खेल है और मेरे परिवार ने भी मुझे इस ओर जाने के लिए कहा. मैं भी क्रिकेटर बनना चाहता था और स्कूल में क्रिकेट भी खेला, लेकिन मैं क्रिकेट के उस शीर्ष स्तर तक नहीं पहुंच सका, इसलिए मैंने एथलेटिक्स में जाने का फैसला लिया और मैं खुश हूं. सहवाग मेरे आदर्श क्रिकेटर हैं. क्रिकेट खेलते वक्त मुझे उनका रवैया काफी अच्छा लगता था. वह दबाव नहीं लेते थे और हालत कोई भी हो वह सिर्फ गेंद को मैदान के बाहर पहुंचाने की कोशिश में रहते थे. मैं भी सहवाग की तरह रवैया रखना चाहता हूं. दबाव नहीं लेना चाहता.
पिछले कुछ संस्करणों से एथलेटिक्स में भारत को लगातार पदक मिल रहे हैं. हालांकि इस प्रतियोगिता में फील्ड इवेंट में महिलाओं के थ्रो में ही भारत को पदक मिले हैं. लेकिन इस बार दिल्ली के युवा एथलीट तेजस्विन शंकर भी ऊंची कूद में अपनी किस्मत आजमाएंगे. तेजस्विन शंकर ने मार्च की शुरुआत में अपने पिछले राष्ट्रीय रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए पटियाला में फेडरेशन कप राष्ट्रीय सीनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के साथ कॉमनवेल्थ गेम्स का टिकट हासिल किया. कोयंबटूर में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में 2.26 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने वाले 19 साल के शंकर ने 2.28 मीटर के साथ नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया.
शंकर ने पहले भी 2.28 के आंकड़े को अमेरिका के कॉलेजिएट इवेंट में छुआ था, लेकिन यह पहली बार है जब उन्होंने देश में यह करिश्मा किया. शंकर ने कहा कि उनका लक्ष्य 2.31 मीटर की ऊंची कूद लगाना है जिसके लिए उन्होंने तीन प्रयास भी किए, लेकिन विफल रहा. उन्होंने कहा, ‘मैंने अमेरिका में इस ऊंचाई को छुआ है, लेकिन भारत में किसी प्रतियोगिता में इस ऊंचाई को पार करना अच्छा होता. मुझे निरंतर अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है. उम्मीद है कि मैं कॉमनवेल्थ गेम्स में 2.31 मीटर तक ऊंची कूद को पार करने में सफल रहूंगा.’ यह साल उनके लिए महत्वपूर्ण है.