किंग्स इलेवन पंजाब आईपीएल की ऐसी टीम है, जो क्रिकेट की इस प्रतिष्ठित लीग से जुड़ी तो शुरुआत से है पर कभी खिताब नहीं जीत सकी है. यही नहीं वह सिर्फ दो बार ही अच्छा प्रदर्शन कर सकी है. उसने 2008 के पहले सत्र में सेमीफाइनल तक चुनौती पेश की थी और फिर 2014 में प्लेऑफ में स्थान बनाने में सफल रही और फिर फाइनल खेला. मोहित बर्मन और प्रीति जिंटा के मालिकाना हक वाली किंग्स इलेवन पंजाब से वीरेंद्र सहवाग मेंटर के तौर पर जुड़े हुए हैं. सहवाग कहते हैं कि इस बार हमारी जिस तरह की टीम है, वह हमें चैंपियन बना सकती है. हमने कुछ खिलाड़ियों पर बहुत पैसा लगाया है. इसलिए हम उम्मीद कर रहे हैं कि वे अपनी जिम्मेदारी को निभाएंगे. पिछले दस सालों की यह निश्चय ही सर्वश्रेष्ठ टीम है. सहवाग को लगता है कि अपना सर्वश्रेष्ठ पीछे छोड़ चुके क्रिस गेल और युवराज सिंह को दो-दो करोड़ रुपए के बेस प्राइज पर खरीदना भी कारगर साबित हो सकता है. उन्हें लगता है कि इस जोड़ी ने अपने बूते तीन-चार मैच भी जिता दिए तो पैसा वसूल हो जाएगा.
किंग्स इलेवन पिछले साल प्लेऑफ में स्थान बनाते-बनाते रह गई थी. इसकी प्रमुख वजह अच्छे भारतीय खिलाड़ियों का टीम में नहीं होना था. लेकिन इस बार उन्होंने अच्छे भारतीय खिलाड़ियों को खरीदने पर दिल खोलकर खर्च किया है. उन्होंने लोकेश राहुल को खरीदने पर तो 11 करोड़ रुपए तक खर्च दिए. इस बार रविचंद्रन अश्विन की अगुआई वाली टीम में शामिल प्रमुख भारतीय खिलाड़ी हैं-लोकेश राहुल, मयंक अग्रवाल, करुण नायर, बरिंदर सरां, अक्षर पटेल और मोहित शर्मा. इनमें से पहले तीन खिलाड़ी किसी भी टीम में स्थान ही नहीं बना सकते बल्कि उसे मजबूती भी प्रदान कर सकते हैं. इस बार टीम का यह पक्ष उसकी किस्मत बदल सकता है.
यह मानकर चला जा रहा है कि आरोन फिंच और मयंक अग्रवाल पारी की शुरुआत करेंगे. पर आरोन फिंच इस सत्र के पहले मैच के बाद आएंगे, इसलिए मयंक के साथ गेल को पारी की शुरुआत करने का मौका मिल सकता है. अब गेल तो गेल हैं, वह यदि इस मैच में खेल दिखा जाते हैं तो क्या टीम प्रबंधन इस जोड़ी पर ही भरोसा रखेगा या फिर पहले से ही बनाई योजना के मुताबिक चलता है. हां, इतना जरूर है कि क्रिस गेल का बल्ला चल निकलता है तो टीम प्रबंधन को ज्यादा सोचने की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ेगी.
आरोन फिंच अपनी क्षमता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साबित कर चुके हैं. उन्होंने पिछले साल आईपीएल में खेले 13 मैचों में 25 के औसत से 300 रन बनाए थे. मयंक का इस घरेलू सत्र में बल्ला आग उगलता रहा है. वह इस सत्र के विभिन्न प्रारूपों में 2141 रन बनाने में सफल रहे हैं. रणजी ट्रॉफी में तो वह मात्र 27 दिनों में एक तिहरे शतक, चार शतकों से 1000 से ज्यादा रन बनाने में सफल रहे हैं. मयंक की इस फॉर्म का उनकी टीम जरूर फायदा उठाना चाहेगी. मयंक के जोड़ीदार के तौर पर फिंच खेलें या गेल, ओपनर रंग जमाने का माद्दा रखते हैं. इसके अलावा मध्यक्रम में लोकेश राहुल, करुण नायर, स्टोयनिस का युवा जोश सामने वाली टीमों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.
र्आस्ट्रेलियाई गेंदबाज एंड्रयू टी की अगुआई वाले पेस अटैक में थोड़ी अनुभव की कमी है. इसमें मोहित शर्मा, बरिंदर सरां, अंकित राजपूत शामिल हैं. अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का इंतजार कर रहे ऑस्ट्रेलियाई पेस गेंदबाज बेन द्वारशुइस भी कहर बरपाने की क्षमता रखते हैं. अनुभव की कमी भले ही हो पर हैं सभी क्षमता वाले. पर कई बार अनुभव की कमी मुश्किल दौर में धड़कनों को बढ़ा देती है. यह गेंदबाज मुश्किल दौर में सही गेंदबाजी कर पाते हैं तो फिर टीम इस सीजन में कुछ अजूबा कर सकती है. हां, इतना जरूर है कि इस टीम की जान स्पिन है. कप्तान अश्विन की स्पिन के सभी कायल हैं.. उन्हें अक्षर पटेल से अच्छा सहयोग मिल सकता है. इस विभाग में आईपीएल के सबसे कम उम्र के अफगानी खिलाड़ी मुजीब उर रहमान अपनी ऑफ ब्रेक गेंदबाजी से 12 वनडे मैचों में 30 विकेट ले चुके हैं. मुजीब इस साल सुर्खियों में रह सकते हैं.
किंग्स इलेवन में भले ही युवा जोश है पर टीम का एक्स फेक्टर क्रिस गेल और युवराज सिंह की जोड़ी ही है. यह सही है कि यह दोनों ही विस्फोटक अंदाज वाले बल्लेबाज संन्यास की तरफ बढ़ते बल्लेबाज हैं. लेकिन इतना जरूर है कि इनमें से एक भी चल गया तो वह अकेले दम मैच का नक्शा बदल सकता है. यदि दोनों चल गए तो मान लीजिए सामने वाली टीम की शामत आ गई है. युवराज सिंह एक बार फिर टीम इंडिया में स्थान बनाने के प्रयास में लगे हैं और क्रिस गेल पिछले दिनों वेस्ट इंडीज के लिए शतक जमा चुके हैं. इसलिए इन दोनों को खत्म हुआ खिलाड़ी मानना गलती होगी.