कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भाग लेने गए भारतीय दल के लिए राहत की खबर आई है। डोपिंग उल्लंघन मामले में भारतीय मुक्केबजों पर लगे आरोपों से उन्हें बरी कर दिया गया है। शुक्रवार को मुक्केबाजों के कमरों से सीरिंज मिली थी जिसके बाद उनके यूरीन सैंपल लिए गए थे। कमरों की तलाशी लेने का बाद ये बात साफ हुई कि इस मामले में भारतीय मुक्केबाज शामिल नहीं हैं। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने अब तक इस मामले में शामिल देशों के नाम का खुलासा नहीं किया है। सीजीएफ ने बताया कि इसमें किसी भी प्रकार का डोपिंग अपराध शामिल नहीं है पर सीरिंज मिलने के मामले में आज सुनवाई होगी।
सीजीएफ की सीरिंज ना रखने की नीति के तहत अगर कोई भी खिलाड़ी अपने पास सीरिंज रखता है तो उसे इसकी जानकारी देते हुए मंजूरी लेनी होती है। ऐसा ना करने पर उस खिलाड़ी को प्रतिबंधित कर दिया जाता है। भारतीय मुक्केबाजों के सीरिंज रखने की रिपोर्ट के आधार पर ऐसा माना जा रहा था कि भारतीय दल की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। इस पर भारतीय दल ने अपनी सफाई देते हुए कहा था कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है। उन्होंने दावा किया था कि सीरिंज किसी अन्य टीम की हो सकती है, जो खेल गांव के उसी कंपाउंड में ठहरी है।
इस मामले के बाद भारत के अन्य खिलड़ियों को शक की निगाहों से देखा गया। एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए भारतीय कोच ने कहा,’ लम्बे सफर के बाद खिलाड़ी अपने कमरों मेें आराम करना चाह रहे थे लेकिन उन्हें तुरंत सैंपल देने को कहा गया। ये काफी गलत और शर्मसार होने वाली स्थिति थी। सिर्फ कुछ खिलाड़ियों की वजह से पूरे भारतीय दल को शक भरी नजर से देखा गया।’