मूर्तिकांड की लपटें एक बार फिर से उठी हैं। बुधवार (चार अप्रैल) को राजस्थान के राजसमंद में राष्ट्रपिता की मूर्ति तोड़ी गई। नाथद्वारा इलाके में शरारती तत्वों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के सिर को धड़ से अलग कर दिया। स्थानीय लोगों में महात्मा गांधी की मूर्ति तोड़े जाने को लेकर आक्रोश है। लोगों ने फौरन इस बारे में पुलिस को जानकारी दी, जिसके बाद प्रतिमा का टूटा हिस्सा कपड़े से ढंकवा दिया गया। लोगों ने पुलिस को बताया, “हमने बीती रात तकरीबन एक बजे चार-पांच लोगों को मोहल्ले में आते देखा था। शायद उन्हीं ने बापू की मूर्ति को तोड़ा होगा।”
आपको याद दिला दें कि पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव में माकपा के हारने के बाद बेलोनिया के एक शैक्षणिक संस्थान में रूसी क्रांति और वामपंथी विचारधारा के प्रतीक माने जाने वाले व्लादिमीर लेनिन की प्रतिमा जेसीबी मशीन से ढहा दी गई थी। भीड़ उस दौरान भारत माता की जय के नारे लगा रही थी। लेनिन की मूर्ति तोड़ने की इस घटना के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में महानायकों की मूर्तियों के साथ छेड़छाड़ की गई और उन्हें नुकसान पहुंचाया गया।
तमिलनाडु में इसके बाद पेरियार की प्रतिमा टूटी। पश्चिम बंगाल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्त पर कालिख पोती गई। बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को खंडित किया गया, जिसके बाद केरल में महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया था। यहां पर बापू की प्रतिमा पर लगे चश्मे को क्षति पहुंचाई गई थी।
यह आलम तब है, जब महानायकों की मूर्तियां तोड़े जाने के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति एम.वैंकेया नायडू और गृह मंत्री राजनाथ सिंह की सख्त चेतावनी भी जारी कर चुके हैं। मूर्तिकांड की घटनाओं को लेकर गृह मंत्रालय भी हरकत में आ गया था। मंत्रालय ने हर राज्य में महानायकों की मूर्तियों के इर्द-गिर्द सुरक्षा के बंदोबस्त किए थे और कहा था कि जो भी इन्हें नुकसान पहुंचाएगा, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।