बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर पलटवार किया है और राजनीति को घटिया स्तर तक ले जाने का आरोप लगाया है। पार्टी के स्थापना दिवस पर मुम्बई की एक जनसभा में शाह ने विपक्षी पार्टियों की तुलना सांप-बिल्ली से की थी। इसकी निंदा करते हुए मायावती ने कहा कि बीजेपी जनता को मूर्ख समझने की भूल कर रही है, जबकि जनता लोकसभा चुनाव से पहले उसे बार-बार आगाह कर रही है। गौरतलब है कि शाह ने कल विपक्ष की एकजुटता को लेकर हो रहे प्रयासों पर निशाना साधते हुए कहा था कि देश में नरेन्द्र मोदी की जो बाढ़ आयी है उसके डर से साँप, बिल्ली, नेवला, कुत्ते आदि सब मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।
शाह की टिप्पणी पर मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि इसी प्रकार की अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था, जिसके लिये जनता ने उन्हें करारा सबक सिखाया। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अपनी आदत से मजबूर नजर आता है। जनता इसे नजरअन्दाज नहीं करेगी।
मायावती ने कहा कि शाह का बयान यह साबित करने के लिये काफी है कि गुरु (नरेन्द्र मोदी) और शिष्य (अमित शाह) के नेतृत्व में पार्टी का स्तर किस हद तक नीचे गिर गया है। आज जनता के सामने यह प्रश्न खड़ा हो गया है कि क्या ऐसी भाषा देश की सत्ताधारी पार्टी को शोभा देती है? उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जनता के साथ विश्वासघात किए जाने के मामले एक के बाद एक कर सामने आ रहे हैं और मोदी सरकार इनका सामना करने की स्थिति में नहीं है। इसीलिए संसद को लगातार स्थगित करते रहने का अलोकतान्त्रिक तरीका अपनाया गया।
इसी अफरातफरी के माहौल में संसद का वर्तमान सत्र कल अनिश्चितकाल के लिए स्थगित भी हो गया। जनता अच्छी तरह से समझती है कि इसके लिये असली दोषी भाजपा और इसकी केन्द्र की सरकार ही है। मायावती ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में नरेन्द्र मोदी सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को तैयार नहीं हुई जबकि लोकसभा में तो उसे बहुमत प्राप्त है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव राजग की घटक रही तेलुगु देशम पार्टी ने ही पेश किया था।