रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि अनेक देशों की भारतीय मिसाइलों में दिलचस्पी बढ़ रही है और सरकार मित्र देशों को उन्हें बेचना चाहती है. सीतारमण ने कहा , ‘‘ भारतीय मिसाइलों में रुचि बढ़ रही है और हम इस पर ध्यान दे रहे हैं. ’’ उन्होंने कहा कि भारत मित्र देशों को इन्हें बेचना चाहता है.
कीमत जैसे विषयों पर चल रही बातचीत का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कई बार किसी सौदे को लेकर फैसले पर पहुंचना उलझन वाला होता है लेकिन भारतीय मिसाइलों में दिलचस्पी बढ़ी है. वह भारतीय उद्योग परिसंघ ( सीआईआई ) के एक समारोह को संबोधित कर रही थीं.
कई देशों ने भारतीय मिसाइलों में दिलचस्पी दिखाई है. वियतनाम जैसे देश भारत से सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने के इच्छुक हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि वह विदेश स्थित भारतीय मिशनों में पदस्थ रक्षा अताशे को संबोधित करेंगी और भारतीय निर्माण विशेषज्ञों की क्षमताओं का दोहन करने के लिए प्रोत्साहित करेंगी.
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना देश के लिए अहम है : सीतारमण
इससे पहले रविवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना देश के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने आईआईटी मद्रास के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘ भारत के अंदर ही नवोन्मेष पर बल देना रक्षा आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अनिवार्य है। भारत के युवा नवोन्मेषी रक्षा उद्योग का स्वदेशीकरण करने के लिए भविष्य में बड़ी भूमिका निभायेंगे। ’’
उन्होंने कहा था, ‘‘ हमारी सरकार की प्राथमिकता भारत के लिए उसके विनिर्माण क्षेत्र की ढेर सारी ताकत को बहाल करने की आवश्यकता पर बल देना है।’’ उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने रक्षा खरीद प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए 2016 में रक्षा खरीद नीति को सही दिशा देने के लिए कदम उठाए। अब विनिर्माण क्षेत्र की बहाली पर बल देना है ताकि वह देश की जीडीपी में ढेर सारा योगदान करे।