Tuesday, September 17, 2024
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इस शख्स ने पीड़िता पर किया ऐसा कमेंट कि चली गई नौकरी: कठुआ गैंगरेप

SI News Today

कोटक महिंद्रा बैंक ने कठुआ गैंगरेप पीड़िता के बारे में सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणी करने वाले अपने कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया है. बैंक ने बताया कि कर्मचारी विष्णु नंदुकुमार को नौकरी से निकाल दिया गया है. बैंक के प्रवक्ता रोहित राव ने कहा, ‘‘इस तरह की त्रासद घटना के बारे में किसी के भी द्वारा चाहे वह बैंक का कर्मचारी ही क्यों न हो, ऐसी टिप्पणी करते देखना बेहद दुखद है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने खराब प्रदर्शन को लेकर नंदुकुमार को 11 अप्रैल को नौकरी से निकाल दिया है.’’

नंदुकुमार ने आठ वर्षीय बलात्कार पीड़िता की हत्या को कथित तौर पर सही बताते हुए लिखा था कि वह बड़ी होकर आतंकवादी बन सकती थी. उसने मलयालम में लिखा था, ‘‘उसे अभी मार देना अच्छा था क्योंकि कल को वह भारत के खिलाफ मानव बम बन सकती थी.’’

क्या है कठुआ गैंगरेप मामला
10 जनवरी को कठुआ बकरवाल समुदाय के एक परिवार की आठ साल की बच्ची अचानक गायब हो गई थी. उसके लापता होने की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करवाई गई थी. चार्जशीट के मुताबिक, आरोपियों ने घोड़े ढूंढने में मदद करने के बहाने लड़की को अगवा कर लिया था. बच्ची को देवीस्थान में बंधक बनाए रखा गया था. उसे बेहोश रखने के लिए नशे की दवाइयां दी गईं. 17 जनवरी को झाड़ियों में बच्ची का शव पाया गया था. मेडिकल जांच में गैंगरेप की पुष्टी हुई. बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने के मामले में मुख्य आरोपी सांजी राम समेत आठ लोगों का आरोपी बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.

समुदाय को हटाने की साजिश के तहत वारदात को दिया अंजाम
चार्जशीट में इस बात का खुलासा हुआ है कि बकरवाल समुदाय की बच्ची का अपहरण, बलात्कार और हत्या इलाके से इस अल्पसंख्यक समुदाय को हटाने की एक सोची समझी साजिश का हिस्सा थी. इसमें कठुआ स्थित रासना गांव में देवीस्थान, मंदिर के सेवादार को अपहरण, बलात्कार और हत्या के पीछे मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है. सांझी राम के साथ विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा , मित्र परवेश कुमार उर्फ मन्नू , राम का किशोर भतीजा और उसका बेटा विशाल जंगोत्रा उर्फ शम्मा कथित तौर पर शामिल हुए. चार्जशीट में जांच अधिकारी ( आईओ ) हेड कांस्टेबल तिलक राज और उप निरीक्षक आनंद दत्त भी नामजद हैं जिन्होंने राम से कथित तौर पर चार लाख रुपये लिए और अहम सबूत नष्ट किए.

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