राजधानी में स्वाइन फ्लू अपना शिकंजा मजबूती से कसता हुआ दिख रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट से दिल्ली में एक ही हफ्ते के दौरान स्वाइन फ्लू के पांच मामलों की पुष्टि हुई है। गनीमत यह है कि सामने आए पांच मरीजों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
सूत्रों की मानें तो इनमें से दो मरीज एम्स में भर्ती कराए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक गत 2 से 8 अप्रैल के बीच जांचे गए सैंपलों में से पांच मरीजों के सैंपल स्वाइन फ्लू ग्रस्त पाए गए हैं। सभी मरीज दिल्ली के ही रहने वाले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में स्वाइन फ्लू से कुल मरीजों की तादाद 31 पहुंच गई है। वहीं इनमें से 11 मरीज दिल्ली के बाहर के निवासी बताए गए हैं। सनद रहे कि पिछले एक महीने में स्वाइन फ्लू से एक मरीज की मौत भी हो चुकी है।
पीड़ित मरीज ने डॉ. राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। कालरा अस्पताल के निदेशक डॉ. आरएन कालरा ने स्वाइन फ्लू को इस बार नियंत्रित बताया है। वहीं तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति जोखिम कारक साबित हो सकती है। डॉक्टर का कहना है कि गर्मी और नमी के मेल से वायरस को सर्वाइव करने में मदद मिलती है।
हलांकि पिछले वर्षों की तुलना में स्वाइन फ्लू का थोड़ी देर से अपना प्रभाव दिखा रहा है। डॉक्टर के मुताबिक ऐसी परिस्थिति में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया से भी सतर्क रहने की जरूरत है। खासतौर से किडनी, हार्ट के मरीजों और गर्भवती महिलाओं के साथ बच्चों और बीमार लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।