हैदराबाद की मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में फैसला सुनाने वाले स्पेशल एनआईए कोर्ट के जज रवींद्र रेड्डी का इस्तीफा नामंजूर हो गया है. रवींद्र रेड्डी ने निजी कारणों का हवाला देते हुए फैसले के तुरंत बाद इस्तीफा दे दिया था. रेड्डी ने यह भी कहा था कि उनके इस्तीफे का इस फैसले से कुछ लेना देना नहीं है.
चौथे अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन सेशंस जज रेड्डी ने ‘निजी कारणों’ का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था. रेड्डी ने तेलंगाना में अलग हाई कोर्ट बनाने की मांग के लिए और आंध्रप्रदेश के जजों को नए राज्य के अधीनस्थ कोर्ट में रखे जाने के विरोध में 2016 में एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया था जिस पर हाई कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई थी.
अठारह मई 2007 को रिमोट कंट्रोल के जरिये 400 साल से अधिक पुरानी मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान शक्तिशाली विस्फोट को अंजाम दिया गया था. इसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी और 58 अन्य घायल हुए थे. इस मामले में किसी भी आरोपी के खिलाफ एक भी आरोप साबित नहीं हो सका, इसलिए सभी को बरी कर दिया गया.
फैसला सुनाने के बाद जज रेड्डी ने मेट्रोपोलिटन सेशन जज को इस्तीफा भेज दिया था. उन्होंने निजी आधार का हवाला दिया और इसका मक्का मस्जिद विस्फोट मामले के फैसले से कोई लेना देना नहीं बताया था.
बम विस्फोट मस्जिद के वजूखाना के पास हुआ था जब नमाजी वहां वजू कर रहे थे. बाद में दो और आईईडी पाए गए थे, जिसे पुलिस ने नाकाम कर दिया था. इस घटना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन और दंगे हुए थे. इसके बाद पुलिस कार्रवाई में पांच लोग और मारे गए थे.