अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी के फायर ब्रांड नेता विनय कटियार विवादित राम जन्मभूमि पर एक और विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के पक्ष में फैसला नहीं दिया तो यह मानेंगे कि श्री राम लला एकबार फिर बलिदान मांग रहे हैं, और पूरे देश के लोग बलिदान देने आएंगे. उन्होंने कहा कि अब तक 78 बार युद्ध हो चुका है, एक और बार युद्ध होगा जिसके बाद राम मंदिर का निर्माण होगा. कटियार ने कहा कि राम मंदिर को लेकर कोर्ट के फैसले के बाद हम जरूरत पड़ने पर बलिदानी दस्ता तैयार कर सकते हैं. जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता है, तब तक बलिदानी कार्यक्रम स्थगित रहेगा, लेकिन यह प्रक्रिया सतत जारी रहेगी.
कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं- कटियार
विनय कटियार ने कहा कि हम चुपचाप कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे. तब तक बलिदानी दस्ते की प्रक्रिया जारी रहेगी. अगर कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आता है तो ठीक है, लेकिन ऐसा नहीं होने पर बलिदानी दस्ते तैयार रहेंगे. उन्होंने कहा कि बलिदानी दस्ता मंदिर निर्माण के लिए जो कुछ जरूरी होगा, वह सभी काम करेगा. यह बराबर अपना काम करता रहेगा.
अयोध्या में जल्द होगा राम मंदिर का निर्माण- कोकजे
23 फरवरी को अयोध्या पहुंचे विश्व हिंदू परिषद के नव निर्वाचित अध्यक्ष और पूर्व राज्यपाल विष्णु सदाशिव कोकजे ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा था कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का सपना बहुत जल्द पूरा होगा. उन्होंने कहा था कि राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो, यह सपना अशोक सिंघल और दूसरे लोगों ने देखा था. राम मंदिर के निर्माण का जो लोग सपना देख रहे हैं उनका सपना बहुत जल्द सच होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट हमारे पक्ष में फैसला सुनाएगा. कोर्ट का फैसला आते ही यहां पर मंदिर का निर्माण काम शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए जो कुछ भी जरूरी है वो करना चाहिए, हम इस बात के पक्षधर हैं.
VHP के एजेंडे में कोई बदलाव नहीं- कोकजे
प्रवीण तोगड़िया से जुड़े सवाल पर कोकजे ने कहा कि वो हमारे सम्मानीय हैं. उनके बारे में कुछ भी नही कहेंगे. हमारा एजेंडा वही है जो पहले था और उसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, केवल सदस्य बदले हैं. सोमवार सुबह को वे हनुमानगढ़ी पहुंच कर श्री हनुमान जी का दर्शन पूजन किया. हनुमानगढ़ी दर्शन के बाद उन्होंने रामलला का दर्शन किया. विश्व हिंदू परिषद के नव नियुक्त अध्यक्ष का अपने पदाधिकारियों के साथ अयोध्या आना महत्वपूर्ण माना जा रहा है.