दुष्कर्म के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम ने एक दिन पहले जोधपुर सेंट्रल जेल से जो ऑडियो टेप जारी किया था, उसे लेकर बवाल मच गया है. जेल की सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. खबर के अनुसार राजस्थान सरकार ने जेल अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं. राज्य के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस बीच, जेल अफसरों ने आसाराम की निगरानी बढ़ा दी है. साथ ही उसे चेतावनी दी है कि अब वह ऐसा दोबारा करेगा तो उसके फोन पर बात करने की सुविधा खत्म कर दी जाएगी. जेल अफसरों के मुताबिक आसाराम ने शुक्रवार रात साबरमती आश्रम में फोन किया था लेकिन वह फोन ऑडिया संदेश रिकॉर्ड करने के लिए था, इसकी जानकारी नहीं है. हम ऑडिया टेप की जांच करेंगे. फोन पर जो भी बात हुई है वह जेल में लगे रिकॉर्डर में रिकॉर्ड है. वैसे आसाराम को इसके लिए चेतावनी दे दी गई है. जयपुर जेल मुख्यालय ने इसकी रिपोर्ट मांगी है.
पत्नी से भी फोन पर बात करता था आसाराम
आसाराम ने जो दो नंबर जेल अफसरों को दिए हैं. उनमें एक उसके साबरमती स्थित आश्रम का है जबकि दूसरा उसकी पत्नी का है. आश्रम में उसने साल में दो या तीन बार फोन किया होगा लेकिन पत्नी से ज्यादा बात करता है. बुधवार (25 अप्रैल) को उम्रकैद की सजा होने के दो दिन बाद आसाराम का सोशल मीडिया पर लाइव आया था. इसमें वह अपने समर्थकों से कह रहा था कि यह मेरे खिलाफ साजिश है. मैं जल्द ही बाहर आऊंगा. पहले शिल्पी बेटी को निकलवाऊंगा फिर शरद को. उसके बाद मैं तुम लोगों के बीच आ जाऊंगा. यह आडियो संदेश आसाराम के आश्रम के फेसबुक पेज पर काफी देर तक चला. हालांकि जब यह वायरल होने लगा तो इसे हटा लिया गया. जेल अफसर ने इस बात की पुष्टि की थी कि शुक्रवार को आसाराम ने फोन पर एक नंबर पर बात की थी. यह खबर फैलने के बाद जेल प्रशासन जागा और उसने आननफानन में आसाराम को ऐसा न करने की चेतावनी दे डाली.
क्या कहता है जेल मैनुअल
तिहाड़ के जेल मैनुअल के मुताबिक टेलीफोन सुविधा हर कैदी के लिए है. वह अधिकतम पांच मिनट तक बात कर सकते हैं. मकोका, एनएसए, पीएसए या अन्य किसी आतंकी गतिविधि में निरुद्ध कैदी को फोन पर बात करने की सुविधा नहीं दी जाती. इसके लिए जिन नंबरों पर वह बात करना चाहते हैं उनकी जांच होती है. उनके द्वारा फोन पर की गई बात रिकॉर्ड भी की जाती है.
क्या हुआ आसाराम को
नालाबिग से दुष्कर्म के आरोपी आसाराम को जोधपुर स्पेशल कोर्ट ने 25 अप्रैल को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही कोर्ट ने इसी मामले में दोषी करार दिए गए शिल्पी और शरद चंद्र को 20-20 साल की सजा सुनाई गई. इससे पहले अदालत ने आसाराम समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया, जबकि दो अन्य को बरी करने के आदेश दिए थे.