Friday, December 13, 2024
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इन फलों को खाने से फैल सकता है निपाह वायरस!

SI News Today
Nipah virus can spread by eating these fruits!

केरल में निपाह वायरस के इंफेक्शन से अबतक 12 लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग इससे संक्रमित हैं. यह सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है कि इस वायरस से बचने के लिए लोगों को यह सलाह दी जा रही है कि वे फल खाते समय सावधानी बरतें.

ऐसे रिपोर्ट आए हैं कि निपाह वायरस एक खास तरह के बड़े आकार के चमगादड़ों से फैलता है. इन चमगादड़ों को फ्रूट बैट्स भी कहा जाता है क्योंकि ये फलों को खाते हैं. इन फ्रूट बैट्स के लार, मूत्र और इनके शरीर से निकले वाले द्रवों में निपाह वायरस मौजूद रहते हैं. निपाह वायरस इंफेक्टेट सूअरों या अन्य इंफेक्टेट जानवरों और दूषित फलों से फैलता है. ये फल तब निपाह वायरस से संक्रमित होते हैं जब चमगादड़ों द्वारा इन्हें थोड़ा-बहुत खाकर छोड़ दिया जाता है या इन फलों से निकलने वाले जूस को इन चमगादड़ों ने चूसा हो. इससे ये फल निपाह वायरस की चपेट में आ जाते है यानी दूषित हो जाते हैं. और जब कोई व्यक्ति या जानवर इन फलों को खाता है तो वो भी निपाह वायरस की चपेट में आ जाता है.

यह बीमारी निपाह वायरस से संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से भी दूसरे व्यक्ति में फैलता है. विशेषज्ञों के अनुसार निपाह वायरस दूषित पानी से भी फैलता है. पानी दूषित तब होता है जब वैसे फलों को पानी में धोया जाता है जो पहले से उस वायरस के दूषित हों. लोगों को सलाह दी जाती है कि वे निपाह वायरस से बचाव के लिए पेड़ से गिरे फलों को भी न खाएं.

फलों के शौकीन होते हैं फ्रूट बैट्स
अलग-अलग प्रकार के फ्रूट बैट्स निपाह वायरस के प्राकृतिक वाहक हैं और ये अफ्रीका और दक्षिणपूर्व एशिया के कई हिस्सों में पाए जाते हैं. इन फ्रूट बैट्स को ‘फ्लाइंग फॉक्स’ भी कहा जाता है, हालांकि ये लोमड़ी की तरह देखने में नहीं लगते हैं. ये चमगादड़ लगभग हर तरह के फलों को खाने के शौकीन होते हैं, जिसमें केला, आम, खजूर, अंजीर, जंगली खजूर और किसी भी तरह के रसीले फल शामिल हैं.

थ्रिशूर के हॉर्टीकल्चर कॉलेज के डीन जॉर्ज थामस ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ये कटहल को नहीं खा पाते लेकिन पके हुए आम, लीची और चीकू जैसे फलों को खाते हैं क्योंकि इन फलों की चमड़ी मुलायम होती है. इस वजह से जहां इस तरह के चमगादड़ या जंगली जानवरों के पाए जाते हैं उन इलाके के लोगों को यह सलाह दी जाती है कि वो फल खाते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें और जमीन पर गिरे फल न खाएं.

जिस किसी को निपाह वायरस इंफेक्ट करते हैं, उसे सांस संबंधी दिक्कत, बुखार के साथ सिर दर्द, थकान, भटकाव, मेंटल कंफ्यूजन जैसी दिक्कतें आती हैं. निपाह वायरस के रोगी 24-48 घंटों के भीतर कोमा में जा सकते हैं. फिर मौत भी हो सकती है. इससे ब्रेन में सूजन आ जाती है. इस वायरस से होने वाली बीमारी का अभी कोई पुख्ता इलाज नहीं है. अभी तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं बनी है.

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