‘I will contest the Lok Sabha election of 2019’: Akhilesh Yadav
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वह 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. कर्नाटक विधानसभा चुनावों के बाद 20 मई को यह भी स्पष्ट रूप से कहा था कि उनकी पार्टी (समाजवादी पार्टी) विपक्षी दलों के साथ मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी. उन्होंने उस दौरान इशारा भी किया था कि अगले पीएम नेता जी (मुलायम सिंह यादव) होंगे. उन्होंने कहा था कि विपक्षी दल मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और एक सर्वमान्य नेता इसका मुखिया होगा.
कैराना और नूरपुर उपचुनाव में ईवीएम और वीवीपैट मशीनें खराब होने पर भी मंगलवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उपचुनावों में EVM और VVPAT मशीनों में खराबी की बहुत ज्यादा शिकायतें आईं. चुनाव आयोग का कहना है कि गर्मी की वजह से मशीनें ठीक तरीके से काम नहीं कर रही थीं. लेकिन, मेरा सवाल है कि केवल उन पोलिंग बूथों पर EVM मशीन काम नहीं कर रही थीं, जहां गठबंधन के वोट थे. 28 मई को कैराना और नूरपुर के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में उपचुनाव हुए, लेकिन कहीं से भी मशीनों में खराबी की शिकायत नहीं आई.
अखिलेश यादव ने कहा ‘हमें शक है कि एक रणनीति के तहत उन पोलिंग बूथों के मशीन खराब की गईं, जहां गठबंधन का जनाधार बहुत मजबूत था. लेकिन बीजेपी की यह रणनीति काम नहीं आने वाली है, क्योंकि बड़ी संख्या में मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है और हमारी जीत जरूर होगी’. अखिलेश यादव ने दूसरे राजनीतिक दलों से भी अपील की कि वे EVM मशीन की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग करें.
बता दें कि अखिलेश यादव 2019 के लोकसभा चुनाव के में अच्छे प्रदर्शन के लिए अपने परिवार को भी एकजुट करने में जुट गए हैं. पिछले दिनों उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए थे कि उनके चाचा और सपा नेता शिवपाल यादव को 2019 लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी का महासचिव बनाया जा सकता है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के मुताबिक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में इसके लिए सहमति बन चकी है. सही मौका देखकर उनको पार्टी का महासचिव बनाया जा सकता है. यह भी तय माना जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) 2019 में लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगी. गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में इनका गठबंधन दिख चुका है.