Thursday, December 12, 2024
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सीआईसी: कोहिनूर को वापस लाने के प्रयासों की जानकारी दे PMO, विदेश मंत्रालय!

SI News Today
CIC: PMO, Ministry of External Affairs informs efforts to bring Kohinoor back!

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय से कोहिनूर हीरा , महाराजा रणजीत सिंह का सोने का सिंहासन , शाहजहां का हरिताश्म का शराब का प्याला और टीपू सुल्तान की तलवार जैसी प्राचीन बेशकीमती वस्तुओं को वापस लाने के लिए किए गए प्रयासों का खुलासा करने का निर्देश दिया है.

ये सारी प्राचीन वस्तुएं भारतीय शानोशौकत की लोककथाओं का हिस्सा हैं और ये औपनिवेशिक आकाओं एवं आक्रमणकर्ताओं द्वारा ले जाए जाने के बाद दुनियाभर में विभिन्न संग्रहालयों की शोभा बढ़ा रही हैं.

जब एक आरटीआई आवेदक ने विदेश मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क किया तब उसका आवेदन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पास भेज दिया. एएसआई ने कहा कि सामानों को वापस लाने का प्रयास करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है.

आरटीआई आवेदक ने मांगी दी जानकारी
आवेदक बी के एस आर आयंगर ने कोहिनूर हीरा , सुलतानगंज बुद्धा , नस्साक हीरा , टीपू सुलतान की तलवार और अंगूठी , महाराजा रणजीत सिंह का सोने का सिंहासन , शाहजहां का हरिताश्म का शराब का प्याला , अमरावती रेलिंग और बुद्धपाडे , सरस्वती की संगमरमर की मूर्ति – वाग्देवी तथा टीपू के मेकैनिकल बाघ को वापस लाने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयास से जुड़े रिकार्ड मांगे थे.

एएसआई ने कहा कि वह केवल उन्हीं प्राचीन वस्तुओं को फिर से हासिल करने का प्रयास करती है जो प्राचीन वस्तु एवं कला संपदा अधिनियम , 1972 का उल्लंघन कर अवैध रुप से विदेश निर्यात की गई है.

क्या कहा सूचना आयुक्त ने?
सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्यलु ने कहा कि ये चीजें भारत की हैं और अतीत , वर्तमान और भविष्य के लागों को उन्हें फिर हासिल किए जाने में रुचि है. सरकार इन भावनाओं की अनदेखी नहीं कर सकती.

उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय को आश्वासन दिया था कि वह प्रयास जारी रखेगा , ऐसे में यह किए गए प्रयासों या यदि कोई प्रगति हुई है तो उसकी जानकारी देना उसका काम था. लेकिन उसने यह पता होने के बाद भी , कि एएसआई को आजादी पूर्व कलाकृतियों को ब्रिटिश से हासिल करने का कानूनी हक नहीं है तो ऐसे में कैसे पीएमओ और संस्कृति मंत्रालय इस निष्कर्ष पर पहुंच गये कि आरटीआई आवेदन एएसआई के कामों से संबद्ध है.

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