उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में जन्मे निकेश अरोड़ा वेतन के मामले में एपल के सीईओ टिम कुक को भी पछाड़ कर आईटी इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले सीईओ बन गए हैं। सिलिकॉन वैली स्थित साइबर सिक्योरिटी कंपनी पालो अल्टो नेटवर्क उन्हें सालाना 12.8 करोड़ डॉलर यानी करीब 859 करोड़ रुपए वेतन देगी।
टेक्नोलॉजी सेक्टर में अरोड़ा का लंबा कॅरिअर रहा है। इससे पहले वे सॉफ्ट बैंक और गूगल में काम कर चुके हैं। बहरहाल, अरोड़ा ने मार्क मिकलॉकलीन की जगह ली है। मार्क 2011 से लेकर इस हफ्ते तक पालो अल्टो के सीईओ थे। वैसे मार्क कंपनी के बोर्ड में उपाध्यक्ष बने रहेंगे। अरोड़ा बोर्ड के अध्यक्ष भी होंगे।
कॉर्पोरेट जगत की कई हस्तियों के लिए पालो अल्टो नेटवर्क का यह फैसला हैरान करने वाला है। मसलन, क्रेडिट स्विस के विश्लेषक ब्रैड जेलनिक ने फाइनेंशियल टाइम्स से कहा कि अरोड़ा के पास साइबर सिक्योरिटी का अनुभव नहीं है। ऐसे में इस पद पर उनका चयन हैरत में डालने वाला है। वैसे यह भी कहा जा रहा है कि अरोड़ा के पास क्लाउड और डेटा डीलिंग का व्यापक अनुभव है और साइबर सिक्योरिटी डेटा एनलिसिस समस्या में बुरी तरह जकड़ी हुई है।
सशर्त वेतन पैकेज
अरोड़ा का सालाना वेतन 6.7 करोड़ रुपये होगा और इतना ही बोनस मिलेगा। इसके अलावा उन्हें 268 करोड़ रुपये के शेयर मिलेंगे, जिन्हें वे 7 साल तक नहीं बेच पाएंगे। यदि वे पालो अल्टो के शेयर की कीमत अगले 7 वर्षो के भीतर 300 फीसद बढ़ाने में कामयाब रहेंगे तो उन्हें 442 करोड़ रुपये और मिलेंगे। इन सबके अलावा अरोड़ा अपने पैसे से पालो अल्टो नेटवर्क के 134 करोड़ रुपये के शेयर खरीद सकते हैं और इतनी ही कीमत के शेयर उन्हें और दिए जाएंगे, जिसे वे 7 वर्ष तक बेच नहीं पाएंगे।
एपल के सीईओ से ज्यादा वेतन
अरोड़ा से पहले एपल के सीईओ टिम कुक टेक्नोलॉजी की दुनिया में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले सीईओ थे। उनका सालाना पैकेज 11.9 करोड़ डॉलर (करीब 799 करोड़ रुपये) का है। 2014 में जब अरोड़ा ने गूगल की नौकरी छोड़ी थी, तब उनका सालाना वेतन 5 करोड़ डॉलर था। इसके बाद उन्होंने सॉफ्ट बैंक ज्वाइन किया था और यहां उन्होंने 48.3 करोड़ डॉलर के शेयर खरीदे थे। वे सॉफ्ट बैंक में जून, 2016 तक रहे।
बीएचयू से की इंजीनियरिंग
निकेश अरोड़ा के पिता इंडियन एयरफोर्स में अधिकारी थे। उन्होंने स्कूल की पढ़ाई दिल्ली में एयरफोर्स के ही स्कूल से की थी। इसके बाद उन्होंने 1989 में बीएचयू आईटी से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। फिर विप्रो में नौकरी शुरू की, लेकिन जल्द ही छोड़ दी और आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए। उन्होंने बोस्टन की नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। 1992 में उन्होंने फिडेलिटी इंवेस्टमेंट में बतौर विश्लेषक ज्वाइन किया। लेकिन, पढाई नहीं छोड़ी उन्होंने बोस्टन कॉलेज में फाइनेंशियल प्रोग्राम की पढ़ाई शुरू की, जहां वे रात में क्लास करते थे। उनकी मेहनत रंग लाई और वे क्लास में टॉप कर गए। इसके साथ ही 1995 में अरोड़ा ने चार्टर्ड फाइनेंशियल एनलिस्ट की पढ़ाई पूरी कर ली।
अरोड़ा से ज्यादा वेतन पाने वाले केवल दो सीईओ
सीईओ कंपनी वेतन पैकेज
डेविड जस्लाव डिस्कवरी कम्युनिकेशंस 15.61
सुंदर पिचाई गूगल इंक 15.0
माइकल फ्राइज लिबर्टी ग्लोबल 11.19
मारियो गैबेली गैमको इंवस्टर्स 8.85
ग्रेगरी मफी लिबर्टी मीडिया एंड लिबर्टी इंटरैक्टिव 7.38
(वेतन पैकेज करोड़डॉलर में)
3 हजार डॉलर से सैकड़ों करोड़ तक का सफर
एक इंटरव्यू में निकेश अरोड़ा ने बताया कि अमेरिका जाते वक़्त घर से उन्हें मात्र तीन हज़ार डॉलर मिले थे। इन्हीं तीन हजार डॉलर्स को आज उन्होंने कई सौ करोड़ बना दिया है।
निकेश की कामयाबी की शुरुआत गूगल से हुई। करीब तीन साल (2004-2007) तक निकेश, गूगल के यूरोप ऑपरेशन के प्रमुख थे। इसके बाद 2011 में निकेश गूगल के चीफ बिजनेस ऑफिसर बन गए। इस दौरान निकेश गूगल में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वालों में शामिल हो गए। 2014 में निकेश ने गूगल छोड़ सॉफ्टबैंक ज्वाइन कर लिया। यहां निकेश को ग्लोबल इंटरनेट इनवेस्टमेंट प्रमुख की जिम्मेदारी मिली।
कौन हैं नीकेश अरोड़ा
निकेश अरोड़ा दिल्ली से सटे गाजियाबद के रहने वाले हैं। उनके पिता इंडियन एयरफोर्स में ऑफिसर थे। निकेश ने अपनी शुरुआती पढ़ाई एयरफोर्स स्कूल से ही की। उन्होंने बीएचयू से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने पहली नौकरी विप्रो में की। जल्द ही ये नौकरी छोड़ निकेश अमेरिका चले गए। यहां उन्होंने बोस्टन की नॉर्थ ईस्टर्न यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। निकेश की पहली शादी किरण से हुई थी और उनसे एक बेटी है। किरण से तलाक के बाद 2014 में उन्होंने आयशा थापर से शादी की।