Sunday, December 15, 2024
featuredजम्मू कश्मीरदेश

कश्मीर को लेकर लश्कर ने गुलाम नबी का और सोज ने मुशर्रफ का किया समर्थन..

SI News Today

Leader of the Ghulam Nabi and Saj has supported Musharraf over Kashmir.

       

जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज ने एक विवादित बयान देते हुए ‘कश्मीर की आजादी’ का समर्थन किया है। उन्होंने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि कश्मीर के लोगों की पहली प्राथमिकता आजादी हासिल करना है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि कश्मीरियों को मौका दिया जाता है तो वह भारत या पाकिस्तान के साथ जाने की बजाय आजाद होना पसंद करेंगे। सोज ने कश्मीर पर अपनी बात कहते हुए यह भी कहा कि उनके बयान का उनकी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं यह भी जानता हूं कि कश्मीरियों के लिए आजादी पाना मुमकिन नहीं है और सरकार को बातचीत से ही रास्ता निकालना होगा। सोज की किताब में मुशर्रफ का जिक्र: सोज ने अपनी किताब ‘कश्मीर: ग्लिम्प्सेस ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल’ में मुशर्रफ की बातों का जिक्र किया है। इस किताब का इसी महीने लोकार्पण होना है। सोज ने शुक्रवार को कहा, ‘‘मुशर्रफ कहते थे कि कश्मीरी लोग पाकिस्तान के साथ विलय नहीं चाहते। अगर कश्मीरियों को अपनी राह चुनने का मौका दिया जाए तो वे आजादी को तरजीह देंगे। मुशर्रफ ने यह बात अपने मुल्क की फौज के आला अफसरों से भी कही थी। मैं भी यही मानता हूं, लेकिन जानता हूं कि ऐसा हो पाना मुमकिन नहीं है।’’

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब सोज ने कोई विवादास्पद बयान दिया है। पिछले साल कांग्रेस नेता ने कहा था कि वह बुरहान वानी को एनकाउंटर में मारने की बजाय उससे बातचीत करना पसंद करते। सोज ने कहा था, ‘मेरे बस में होता तो बुरहान वानी को जिंदा रखता और उनसे डायलॉग करता।’ गौरतलब है कि घाटी में आतंकियों के पोस्टर बॉय बन चुके वानी को सुरक्षाबलों ने 8 जुलाई 2016 को मुठभेड़ में मार गिराया था। वानी की मौत के बाद घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी थी।

इधर गुलाम नबी के बयान का आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने समर्थन कर दिया। इस पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘कांग्रेस सेना का मनोबल कम कर रही है। अगर कांग्रेस को 44 से 14 लोकसभा सीटों पर आना है तो उसे मुबारक। कांग्रेस नेताओं को पाकिस्तान से खूब समर्थन मिल रहा है। हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए तारीक हमीद कारा की भाषा तो वही है जो पाकिस्तान के आतंकियों की रही है।’’

गुलाम नबी ने नरसंहार की साजिश का आरोप लगाया था: गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को एक चैनल से बातचीत में कहा था- सरकार चार आतंकियों को मारती है, उसके साथ 20 नागरिक मारे जाते हैं। सरकार की कार्रवाई आतंकियों से ज्यादा सिविलियंस के खिलाफ रहती है। पुलवामा में सिर्फ एक आतंकी और 13 आम लोग मारे गए। ऑलआउट ऑपरेशन शुरू करने के ये मायने हैं कि वे नरसंहार की साजिश रच रहे हैं।

गुलाम नबी के बयान का लश्कर ने किया समर्थन: आजाद के बयान के बाद लश्कर-ए-तैयबा के प्रवक्ता अब्दुल्ला गजनवी ने कश्मीर के मीडिया को भेजे बयान में कहा- गुलाम नबी आजाद जो कहते हैं, हमारा भी शुरुआत से यही मानना है। भारत कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाकर बेकसूरों का नरसंहार करना चाहता है। भारत का कदम कत्लेआम को बढ़ाएगा।

रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- ‘‘कांग्रेस पार्टी के स्वरों काे आजकल पाकिस्तान से तुरंत समर्थन कैसे मिल जाता है। लश्कर-ए-तैयबा से उन्हें समर्थन आ चुका है। कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी गैर जिम्मेदाराना सियासत का समर्थन कर रहे हैं। गुलाम नबी आजाद शहीद औरंगजेब के घर आर्मी चीफ और रक्षा मंत्री के जाने को ड्रामा बताते हैं। इस तरह कांग्रेस सेना के जज्बे को तोड़ने का काम करती है। हमारे पास एक पुराना वीडियो है जिसमें हाफिज सईद कांग्रेस के नेताओं की तारीफ कर रहा है।’’

अब हमारे भारतवासियों को ये निर्णय लेना है कि भारत जैसे देश में जहाँ अभिव्यक्ति कि आज़ादी पर बहस होती है ऐसे में इन नेताओं का बयान किस पर कैसा प्रभाव डालती है और आज़ादी गैंग के साथ कौन खड़ा होता है?

SI News Today

Leave a Reply