Monday, December 16, 2024
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जब छठी फेल लड़के ने कलेक्टर से की फर्राटेदार अंग्रेजी में बात

SI News Today

When the 6th failed boy spoke to the collector in Fluent English

            

बुरहानपुर, MP।

मंगलवार को जनसुनवाई में DM डॉ. सतेंद्र सिंह नागरिकों की समस्या सुन रहे थे। बुरहानपुर जिले के इच्छापुर से सुभाष पवार अपने पुत्र खुशाल के साथ स्वरोजगार योजना में लोन का आवेदन करने के लिए BPL कार्ड बनवाने का अप्लीकेशन देने आए थे। युवक ने interview के दौरान ही बताया कि वह 6th स्टैण्डर्ड फेल है, जब उससे डीएम साहब ने पूछा कि कमशिक्षा के बावजूद तुम्हे अंग्रेजी भाषा पर इतनी अच्छी पकड़ कैसे है, तो युवक ने कहा कि – “the need to communication freedom speech only , the did not to our qualification.”

ये बात सुनकर वहाँ उपस्थित सभी लोग अचंभित हो गए। डीएम साहब ने कहा कि- तुम इतने अच्छे, स्मार्ट हो और अंग्रेजी भी बाेल लेते हो, तुम 6th फेल हो ही नहीं सकते। झूठ बोले रहे हो, तुम्हारा BPL कार्ड नहीं बनेगा। इसके बाद संयुक्त DM M. L. Arya ने पूछा- तुम्हे अंग्रेजी भाषा पर इतनी अच्छी कमांड कैसे है? तो युवक ने कहा- मेरा शुरू से ही पढ़ने में मन नहीं लगता था तो मैंने 2002 में स्कूल छोड़ दिया। अहमदाबाद में मेरी दो बहनें रहती हैं। उनके यहां रहकर एंब्रायड्री करने लगा।गुजरात की ही एक मोबाइल कंपनी के कॉल सेंटर के मैनेजर से संपर्क हुआ। उन्हें मेरा संवाद और Body-Language अच्छा लगा और मुझे कॉल सेंटर में नौकरी दी। जहां रहकर मैंने अंग्रेजी, गुजराती बोलना सीखा, इसके अलावा मैं क्षेत्रिय भाषा हिंदी, मराठी और अहिरानी बेहतर ढंग से लिख-बोल लेता हूं, इस वजह से मैने वहाँ इतने लंबे समय तक नौकरी की। मैं उस मोबाइल कंपनी में सीनियर सुपरवाइजर था। मुझे बिजनेसमैन बनना है। मैं अकाउंटिंग, वेब ब्लॉग्स जानता हूं। मेरा लक्ष्य बिजनेसमैन बनना है। उसके लिए लोन लेेने की तैयारी कर रहा हूं।

पिता सुभाष ने कहा कि – मेरे पास एक एकड़ ही खेत है। बड़े बेटे का विवाह हो चुका है। दामाद शराबी है और खाने की बहुत परेशानी थी। उसे एयरफोर्स से अनाउंसर के लिए नौकरी का ऑफर आया था। इसलिए खुशाल वहाँ से अपनी नौकरी छोड़कर यहाँ घर लौट आया।

हालांकि, युवक का आवेदन स्वीकार नहीं किया गया और पिता-पुत्र दोनों को खाली हाथ घर वापिस लौटना पड़ा। परन्तु  DM डॉ. सतेंद्र सिंह साहब को इतने talented के आत्मविश्वाश का सम्मान करते हुए उसके उज्जवल भविष्य के लिए उसका सहयोग करना चाहिए था।

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