What is the secret behind black money deposits in Swiss bank?
सबसे पहले तो यह स्पष्ट कर लें कि स्विट्जरलैंड में जितने भी बैंक हैं उन्हें स्विस बैंक कहा जाता है। स्विट्जरलैंड टैक्स हेवन के नाम से जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आप यहां जितना भी पैसा जमा कर लें आपको बेहद मामूली कर के रुप में भगुतान करना होता है। साथ ही हर देश की तरह स्विट्जरलैंड में भी बैंक सीक्रेसी लॉ (गोपनीयता कानून) लागू होता है। स्विस बैंकिंग एक्ट (1934) के तहत बैंक अपने खाताधारकों की जानकारी उनकी अनुमति के बिना सार्वजनिक नहीं करता है। इतना ही नहीं अगर खाताधारक अपने देश में वित्तीय अनियमित्ता में लिप्त है और स्विट्जरलैंड में उसपर ऐसा कोई मामला नहीं है तो आपको जानकार हैरानी होगी कि पुलिस से लेकर अदालत तक बैंक से उसके ग्राहक के बारे में कोई जानकारी नहीं मांग सकते हैं। स्विस बैंक में जमा पैसों में 50 फीसद की तेजी देखने को मिली है। स्विस बैंक की ओर से नेशनल बैंक की ओर से यह आंकड़ा जारी किया गया है। बैंक के मुताबिक लगातार तीन वर्षों से भारतीयों की ओर से जमा किये जाने वाले पैसे में गिरावट देखी जा रही थी, लेकिन 2017 में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह रकम 101 करोड़ फ्रैंक (करीब 7000 करोड़ रुपये) हो गई है। ऐसे में आपके जेहन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिर क्यों लोग स्विस बैंक में ब्लैक मनी जमा करते हैं।
क्यों कराते हैं लोग स्विस बैंक में पैसे जमा
यहां लोग इसलिए पैसा जमा कराते हैं स्विस बैंक के गोपनीयता कानून के तहत अगर किसी पर भ्रष्टाचार का मामला चल रहा है और स्विस बैंक में एकाउंट है तो कार्यवाही के दौरान उसके खाते की जांच नहीं की जाएगी। साथ यहां के बैंकर खाताधारकों को उनके पैसे बढ़ाने में भी मदद करते हैं।
खाते जानकारी लीक करने पर बैंकर हो जाती है कैद
अगर स्विस बैंककर्मी किसी खाते की जानकारी लीक करता है तो उसे छह महीने की कैद के अलावा 50,000 फ्रैंक्स (करीब 34 लाख रुपये) तक का जुर्माना हो सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि बैंक गोपनीयता कानून की धारा 47 के अनुसार स्विट्जरलैंड के हर बैंक का कर्मचारी, अधिकारी, बैंकिंग संबंधित संस्थाएं, एजेंट, लेखा-परीक्षक (ऑडिटर) और स्वयं बैंक निगरानी आयोग के सदस्य और कर्मचारी भी गोपनीयता को बनाये रखने के लिए बाध्य हैं।