Monday, December 23, 2024
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कौन हैं जयदेव गल्ला, जिन्होंने की चर्चा की शुरुआत: अविश्वास प्रस्ताव

SI News Today

Who is Jayadev Galla, who started the discussion: the no-confidence motion

  

उत्तर भारत के लोग जयदेव गल्ला के नाम से ज्यादा परिचित नहीं होंगे. 52 साल के गल्ला पर टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने भरोसा किया और उनसे बहस की शुरुआत कराई. जयदेव गल्ला गुंटूर से सांसद हैं. हालांकि मोशन दूसरे सांसद केसिनेनी श्रीनिवास ने पेश किया था. लेकिन नायडू ने चर्चा की शुरुआत के लिए जयदेव पर भरोसा किया. इससे संकेत मिलता है कि उन्हें पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी के लिए तैयार किया जा रहा है. आंध्र प्रदेश के इंडस्ट्रियलिस्ट-पॉलिटीशियन की श्रेणी में वो एक और नाम हैं. विदेश में पढ़े, धनपति जयदेव गाला ने राजनीति में कदम रखा, जब वो उम्र में 40 के दशक को खत्म कर रहे थे. जयदेव अमर राजा ग्रुप ऑफ कंपनीज के बॉस हैं. उनके एनआरआई पिता ने इसकी शुरुआत की थी. वो तीन दशक पहले अमेरिका से भारत लौटे थे. इस ग्रुप के बड़े प्रोडक्ट में एमरॉन बैटरी का नाम आता है. 2014 के चुनाव में जयदेव ने 683 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की थी.

जयदेव चित्तूर से हैं. उनकी शादी पद्मावती से हुई है. पद्मावती के पिता कृष्णा हैं, जो तेलुगु फिल्मों के बड़े अभिनेता रहे हैं. उनका नाम एनटीआर और एएनआर के साथ लिया जाता है. कृष्णा के बेटे महेश बाबू सुपर स्टार हैं. हालांकि जयदेव अपने साथ एक खास किस्म की राजनीतिक और वित्तीय विरासत लेकर आए हैं, जो उन्हें ननिहाल से मिला. चंद्रबाबू नायडू भी चित्तूर से हैं. जयदेव का जन्म जहां हुआ, उससे करीब 50 किलोमीटर दूर के हैं नायडू. दोनों परिवारों में नजदीकी की बात कही जाती है. नायडू के मेंटॉर में पी राजगोपाल नायडू का नाम आता है. नायडू आंध्र के उन शुरुआती लोगों में हैं, जिन्होंने विदेश में पढ़ाई की. वो ऑक्सफोर्ड से पढ़े. उन्होंने चेन्नई में शिक्षण का काम किया, फिर राजनीति में आए. उनकी बेटी अरुणा अमेरिका में पढ़ीं. वो भारत आईं और जयदेव के पिता से शादी की. वो भी राजनीति में आईँ और कांग्रेस जॉइन की. विधायक और मंत्री बनीं. हाल ही में उन्होंने टीडीपी जॉइन की है. अपनी मां से जयदेव ने घर में राजनीति के पाठ पढ़े.

जयदेव के पिता रामचंद्र नायडू की शिक्षा भी अमेरिका में हुई. वो दो दशक वहीं काम करने के बाद चित्तूर लौटे. यहां उन्होंने अमर राज ग्रुप ऑफ कंपनीज शुरू की. अभी कंपनी का टर्नओवर करीब छह हजार करोड़ रुपए है. अपने पिता से बिजनेस के गुर सीखने वाले जयदेव ने एमरॉन बैटरी की शुरुआत की, जो इस समय भारत में दूसरा सबसे बड़ा ब्रैंड है. पूर्व एशिया में भी यह बैटरी लोकप्रिय है.

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