46 children killed in malnutrition in Amravati: Maharashtra
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महाराष्ट्र: पिछले चार महीनों में महाराष्ट्र के अमरावती जिले स्थित मेलघाट में 46 बच्चों की कुपोषण के कारण मृत्यु ही गई। कुपोषण से बच्चों की मौत के आंकड़े अप्रैल से जुलाई के बीच के हैं। अमरावती के आदिवासी वाले कई गांवों में बाल कुपोषण एक बड़ी समस्या है। जहां बच्चे जन्म के वक्त से ही कुपोषण के शिकार होते हैं.
यहाँ 6 साल की उम्र तक उनमें से कई मौत के मुंह में समा जाते हैं। मेलघाट में महात्मा गांधी आदिवासी अस्पताल के प्रेसिडेंट डॉ. आशीष सतव ने बताया कि, ‘कुपोषण से बच्चों को बचाने के लिए नई ट्राइबल हेल्थ पॉलिसी की जरूरत है।
मेलघाट में महात्मा गांधी आदिवासी अस्पताल के प्रेसिडेंट डॉ. आशीष सतव बताते हैं, ‘कुपोषण से बच्चों को बचाने के लिए नई ट्राइबल हेल्थ पॉलिसी की जरूरत है। इसके लिए पुरानी ट्राइबल पॉलिसी में बदलाव के लिए कई जनहित याचिकाएं भी दायर की गई हैं। फिलहाल राज्य सरकार ने इसपर कोई फैसला नहीं लिया है।
90 के दशक में कुपोषण के कारण मौत के सबसे ज्यादा मामले आए थे। 1992-97 के बीच यहां 5000 बच्चों ने कुपोषण से दम तोड़ दिया। इतनी बड़ी तादाद में बच्चों की मौत ने सभी को झकझोर दिया। जहां राज्य सरकार और कोर्ट ने इस मामले पर रिपोर्ट मांगी। वहीं, कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने कुपोषण से लड़ने के लिए मदद भी की, लेकिन अभी भी कुपोषण से बच्चों की मौतों का सिलसिला नहीं थम रहा।