The person who is always hungry to learn something or not
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मुझे सीखना अच्छा लगता है, मुझमें नई-नई चीजें करने की उत्सुकता है. जितनी किताबें मैं पढ़ कर खत्म भी नहीं कर पता, उस से अधिक मैं खरीद लेता हूँ –सत्या नडेला
सत्य नारायण नडेला का जन्म 19 अगस्त 1967 में हैदराबाद के एक तेलुगु परिवार में हुआ था. उनके पिता बुक्कापुरम नाडेला युगांधर भारतीय प्रशासनिक सेवा में एक अधिकारी थे. नडेला ने हैदराबाद स्थित बेगमपेट के हैदराबाद पब्लिक स्कूल से पढ़ाई पूरी करी. स्कूल पूरा करने के बाद उन्होंने मनिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए दाखिला लिया.1988 में अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे अमेरिका चले गए जहाँ पर उन्होंने विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस में एम.एस. करने के लिए दाखिला लिया. 1990 में एम.एस की डिग्री लेने के बाद नडेला शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट से एम.बी.ए. की पढ़ाई करने चले गए. नडेला ने पढ़ाई पूरी करने के बाद सन माइक्रोसिस्टम्स में कंपनी के टेक्नोलॉजी टीम में काम किया.जिसके बाद उन्होंने सन माइक्रोसिस्टम्स कंपनी छोड़ कर 1992 में माइक्रोसॉफ्ट ज्वाइन कर लिया. मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनने से पहले माइक्रोसॉफ्ट में अपने करियर के दौरान सत्य नडेला ने कई पदों पर काम किया है. जहाँ उनकी शुरुआत सर्वर ग्रुप से हुई थी. इसके बाद वे सॉफ्टवेयर डिवीज़न, ऑनलाइन सर्विसेज, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, एडवरटाइजिंग प्लेटफार्म में कार्य किया और फिर मुखिया बनकर सर्वर डिवीज़न में वापस आ गए. माइक्रोसॉफ्ट कंपनी को दुनिया के सबसे बड़े क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में से एक बनाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ऑनलाइन सर्विसेज डिवीज़न में बतौर वरिष्ठ उपाध्यक्ष और माइक्रोसॉफ्ट बिज़नस डिवीज़न में बतौर उपाध्यक्ष कार्य किया. बाद में उन्हें कंपनी के 19 अरब अमेरिकी डॉलर ‘सर्विस एंड टूल’ व्यवसाय का अध्यक्ष बना दिया गया. उनके नेतृत्व में इस डिवीज़न का मुनाफा सन 2011 में 16.6 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर सन 2013 में लगभग 20.3 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया था. 4 फरवरी 2014 को उन्हें माइक्रोसॉफ्ट का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) बनाया गया. नडेला को काव्य का बहुत शौक है. वे अमरीकी और भारतीय काव्य पढ़ते हैं. उन्हें क्रिकेट का भी बहुत शौक है. उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया है कि जब वे अपने स्कूल क्रिकेट टीम का सदस्य था तब मैंने उस खेल से नेतृत्व और आपसी सहयोग की भावना सीखी थी.
सत्या ने 1992 में अपने पिता के दोस्त की बेटी अनुपमा से शादी कर ली. नडेला दंपत्ति के तीन संतान हैं – एक बेटा और दो बेटियां हैं. सत्या-अनुपमा का सबसे बड़ा बच्चा, जैन, 21 वर्ष का है , जोकि गंभीर रूप से अक्षम है और उसे दिखाई भी नहीं देता है.. वह जन्म के वक़्त केवल तीन पाउंड वजन था, वही गर्भाशय में ही उसे एस्फेक्सिएशन का सामना करना पड़ा था. 2017 में, सत्या नडेला की अपनी पुस्तक ‘Hit Refresh’ बाहर आईं. यह किताब उनके जीवन, माइक्रोसॉफ्ट और तकनीक कैसे दुनिया को बदल रही है, के बारे में बताती है.