Varanasi Municipal Corporation Officers get warning, walk on the street.
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वरुणा किनारे बसे तिन पुलवा मोहल्ले के लोग इन दिनों गंदगी के बीच जीवनयापन कर रहे हैं। आलम ये है कि यदि जल्द ही मुहल्ले में सफाई नहीं कराई गई तो यहां के भी हालात चौबेपुर थाना क्षेत्र के धौरहरा गांव जैसे ही हो जाएंगे। जल के बहाव व कीचड़ से तंग आ चुके मुहल्ले के लोगों ने नगर निगम के अधिकारियों को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर उनमें हिम्मत है तो इस मुहल्ले में पैदल चलकर दिखाएं।
दरअसल वरुणा नदी के किनारे बसे इस मुहल्ले में लगभग पांच सौ मीटर तक रास्ता पैदल चलने लायक है ही नहीं। रास्ते में थोड़ी-थोड़ी दूर पर कीचड़ व गड्ढे में पानी जमा होने के कारण यहां पर मच्छरों का ढ़ेर लगा हुआ है। वहीं इस मामले में मुहल्ले की जरीना बानो की पांच साल की बेटी को बार-बार बुखार आ जाता है। जब वह अपनी बच्ची को दवा गदेती हैं तो कुछ दिन आराम रहता है, लेकिन बाद में उसे फिर से बुखार अपनी गिरफ्त में ले लेता है। इतना ही नही नसीम अख्तर का आठ साल का बेटा भी पिछले महीने से इसी समस्या से पीड़ित है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ऐसे कई सारे परिवार हैं जो बीमारियों से ग्रसित हैं। जहां मुहल्ले के बीच से एक नाला वरुणा की ओर गया है। वहीं इस नाले को सीमेंट के बड़े-बड़े चौकों से ढंकने का काम पिछले साल शुरू तो हुआ था पर वह काम आज तक शुरु ही है। इतना ही नही दर्जनों घरों के आगे खुला हुआ नाला दुर्गंध फैलाता रहता है। वहीं इस मोहल्ले में रहने वाले बुजुर्ग याकूब अहमद, मोहम्मद मुश्ताक और असलम कुरैशी ने नगर निगम के अधिकारियों को चुनौती देते हुए कहा है कि वे इस मोहल्ले में पैदल चल कर दिखा दें।
बता दे कि तिनपुलवा से ऊंचवा तक जाकर वरुणा में मिलने वाले नाले को सीमेंट के चौकों से ढंकने का काम दो साल पहले शुरू किया गया था। और काम आधा-अधूरा ही छोड़ दिया गया। गौरतलब है कि नाले की आधी फुट चौड़ी दीवार से होकर पुरुष, महिलाएं व बच्चों का आना-जाना रहता है। फिलहाल लगभग दो दर्जन ऐसे मकान हैं जिनमें रहने वाले सभी सदस्यों का आना जाना उसी गली से होता है।