The highest fall in rupees was done in the reign of Nehru and Narasimha Rao, how the 74Rs from 1 USD = 1Re
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आज हमारा दिल रोज धक् से बोल जाता है कि रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले इतने गिर गयी है और लगातार गिरते ही जा रही है। इसमें बहुत कुछ अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण तो कभी अमेरिका और चीन के बीच चल रही ट्रेड वॉर के कारण रुपये को नीचे गिराने में अपना योगदान दे रहे हैं। रुपए के गिरने से सबसे ज्यादा आम आदमी के लिए दैनिक उपयोगी वस्तुओं में मूल्य वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है। आज रुपया डॉलर के मुक़ाबले इतना गिर गया है कि 74 के पार हो गया है, लेकिन शायद आपको जानकर ताज़्ज़ुब होगा कि एक ऐसा समय भी था जब 1 रुपए की कीमत १ डॉलर के बराबर थी।
आज रुपए ने गिरावट के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। डाॅलर के मुकाबले भारतीय रुपए अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। लेकिन 15 अगस्त 1947 को भारत का एक रुपया एक डॉलर के बराबर था। भले ही आज भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यास्था बन कर सामने आया हो पर एक समय था जब भारत की अर्थव्यास्था भी अमेरिका के सामान ही थी। 1947 में भारत का 1रुपया 1डॉलर के बराबर था और तो और भारतीय 88.62 रुपये में 10 ग्राम सोना खरीद सकते थे जिसके लिए अब प्रति ग्राम 30 हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं।
अर्थ विशेषज्ञों का मानना है कि रूपया अभी आैर कमजाेर होगा और सभी एशियार्इ करेंसी के अपेक्षा रुपए में सबसे अधिक कमजाेरी देखने को मिल सकती है। आइये जानते हैं कि जब 1 रुपया 1 डॉलर के बराबर था तो आज इसने 74 तक का सफर कैसे तय किया और किसकी सरकार में रुपये का पतन सबसे ज्यादा हुआ है –
प्रधानमंत्री | Rs Start to Finish | Changes (%) |
Jawahar Lal Nehru | 01 to 04.76 | 376% |
Indira Gandhi | 07.50 to 11.36 | 51% |
Rajiv Gandhi | 11.36 to 17.50 | 54% |
Narsimha Rao | 22.74 to 41.26 | 81% |
Atal Bihari Vajpayee | 43.06 to 45.32 | 5% |
Manmohan Singh | 45.32 to 62.33 | 38% |
Narendra Modi | 62.33 to 73 | 17% |
जाहिर है नेहरू के समय रूपये सबसे ज्यादा 376% नीचे गिरा और वाजपेयी जी के समय में सबसे कम सिर्फ 5% ही गिरा।