राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की कोयम्बटूर में हुई सलाना बैठक में चीन के साथ नई नीति पर विचार किया गया। इसमें नए इकॉनमिक और डिप्लोमैटिक समझौते के साथ-साथ व्यापार के लिए भी नई नीति लाना है।
बीजेपी की वैचारिक संस्था संयुक्त राष्ट्र में जैश-ऐ-मुहम्मद के बैन पर चीन के रूख से नाराज है। इसके साथ ही परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में शामिल होने के लिए नई दिल्ली की बोली की मांग का विरोध करने और पीओके में चीन के व्यापारिक इच्छा से भी संघ खासा नाराज है। बताते चलें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के 2014 के नई दिल्ली दौरे के दौरान 12 क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा करें।
खबर के अनुसार, अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा चीन के साथ संबंधों पर फिर से नीति बनाने पर विचार के साथ आक्रामक रूख अख्तियार करने की मांग कर रहा है।
चीन अरुणाचल प्रदेश में अपने रुख को नहीं बदल रहा है और चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर में लगातार इन्वेस्ट कर रहा है इसे देखते हुए संघ चाहता है कि चीन अपनी क्रिटिकल विदेश नीति में सरकार को प्रियॉरिटी पर रखे।