पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला ने कोतवाली में अपनी दो नाबालिग पुत्रियों के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें गायत्री के खिलाफ दर्ज मामले की जांच करने वाली लखनऊ पुलिस की सीओ अमिता सिंह व तीन अज्ञात पर आरोप लगाया गया है कि ये लोग उसकी बेटियों को बहला फुसलाकर लखनऊ ले गए और पूर्व मंत्री के खिलाफ मनचाहा बयान दर्ज कराके यहां छोड़ गए। दोनों में एक बेटी वह है, जिसके साथ दुष्कर्म का आरोप गायत्री पर लगा है। महिला का आरोप है कि यह सब पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को बचाने के लिए किया गया है। घटना को अंजाम देने वाले तीनों लोग पूर्व मंत्री के गुर्गे हैं। कोतवाल सत्यपाल सिंह ने बताया कि चारों के खिलाफ धारा 363, 506 व 218 आईपीसी के तहत रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
चित्रकूट मुख्यालय निवासी इस महिला ने गुरुवार को कोतवाली में बताया कि पूर्व मंत्री के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद से उसे परेशान किया जा रहा है। इस मामले की जांच लखनऊ में चल रही है और उसमें 164 के बयान दर्ज होने थे। पिछले दिनों वह लखनऊ से मुख्यालय स्थित अपने घर आई थी।
31 मार्च की सुबह उसकी दोनों पुत्रियां घर से बाजार जाने को कहकर निकलीं। बाजार मार्ग पर ही जांच अधिकारी डीएसपी अमिता सिंह व अन्य तीनों ने दोनों को रोक लिया। इसके बाद दोनों को बहला-फुसला कर किसी वाहन से लखनऊ ले गए। वहां कोई नशीला पदार्थ पिलाकर दुष्कर्म मामले में मनचाहा बयान दर्ज करा लिया, फिर दोनों को चित्रकूट लाकर छोड़ दिया गया।
इधर वह शाम तक दोनों पुत्रियों की खोजबीन में लगी रही। देर शाम घर पहुंची दोनों पुत्रियों ने बताया कि उनके सिर में दर्द हो रहा है। उसने कुछ दवाएं देकर दोनों को सुला दिया। कुछ देर बाद सोकर उठीं दोनों पुत्रियों ने पूरी घटना बताई। महिला ने यह आरोप भी लगाया कि दोनों पुत्रियों के गायब रहने के दौरान उसे मिले सुरक्षाकर्मियों के पास लखनऊ से जांच अधिकारी अमिता सिंह का फोन भी आया था।
सीओ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए प्रकरण की विवेचना की है। अपहरण की बात गलत है। जिन्हें भी बयान के लिए लखनऊ लाया गया था, उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था। अगर किसी को जबरन लाया गया होता तो कोर्ट में सच सामने आ जाता।
प्रवीण कुमार, डीआईजी लखनऊ रेंज