इस बार हनुमान जयन्ती मंगलवार को तो पड़ ही रही है लेकिन इसके साथ कई ऐसे विलक्षण संयोग भी जुड़ रहे हैं जो शताब्दी बाद आए है। चैत्र पूर्णिमा को पवन सुत की जयन्ती मनाई जाएगी तो पंडितों, ज्योतिषियों का मानना है कि आज दिन कुछ वैसा ही योग बन रहा है जैसा धर्मग्रंथों में हनुमान जयंती के समय उल्लिखित है। राजधानी के हनुमान मंदिरों को इस मौके पर विशेष तौर पर सजाया गया है जहां दिन भर दर्शन-पूजन का क्रम चलना है।
ज्योतिषियों और पंडितों के अनुसार, इस चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती के समय जो योग बन रहा है, वह लगभग 120 सालों बाद घटित हो रही है। इसने इस हनुमान जयन्ती को विशेष महत्वपूर्ण बना दिया है। इस बार हनुमान जयन्ती की पूर्णिमा तिथि पर मंगलवार और चित्रा नक्षत्र रहेगा।
धर्मग्रन्थों में पवनपुत्र हनुमान के जन्म के अवसर पर पूर्णिमा तिथि, मंगलवार और चित्रा नक्षत्र का ही उल्लेख मिलता है। पंडितों ने इस हनुमान जयंती को विशेष फलदायक और लाभकारी माना है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन विशेष गजकेसरी योग भी बन रहा है जिसे शुभ माना जाता है।
हनुमान जयन्ती के कारण सोमवार को देर रात तक हनुमान मंदिरों में विशेष तैयारी चलती रही। मंदिरों को खूब सजाया गया और यहां जुटने वाले भक्तों की सुविधा के विशेष प्रबंध भी किए गए। भक्तों का तांता मंगलवार की भोर से ही शुरू हो गया। इस मौके पर हनुमान चालीसा, सुंदर कांड के पाठ होंगे तथा सिंदूर एवं फूलों से श्रृंगार किया गया।
इस अवसर पर नगर में जगह-जगह भंडारे का भी आयोजन किया गया। अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर, नये हनुमान मंदिरों तथा हनुमान सेतु मंदिरों में पूजन, आरती के बाद सुंदरकांड का सामूहिक पाठ किया गया।