कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ के पार्टी छोड़ने संबंधी अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए इसे भाजपा का झूठा, बेबुनियाद और षड्यंत्रकारी प्रचार बताया। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘कांग्रेस के रंग में पूरी तरह से रंगे और देश के वरिष्ठतम सांसदों में शामिल कमलनाथ के बारे में भाजपा झूठा, बेबुनियाद और षड्यंत्रकारी प्रचार चला रही है। हम उसे सिरे से खारिज करते हैं।’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कमलनाथ ने कांग्रेस के बुरे से बुरे दिनों में पार्टी के कार्यकर्ता और सिपाही की तरह आगे बढ़कर काम किया है। चाहे वह 1977 से 1980 का समय हो या 1998 से 2004 तक का समय हो- वह कांग्रेस के साथ पूरी तत्परता से रहे। उन्होंने कहा कि भाजपा उनके बारे में झूठा, बेबुनियाद और षड्यंत्रकारी प्रचार चलाने की बजाय दिल्ली नगर निगम में अपने भ्रष्टाचार की समीक्षा करती तो बेहतर होता।
बरखा सिंह द्वारा कांग्रेस नेतृत्व पर लगाए गए आरोपों के बारे में सुरजेवाला ने कहा कि जिनको कांग्रेस की नीति और रास्ते पर विश्वास नहीं था और जो दिल्ली नगर निगम के दस साल के भ्रष्टाचार से अपने को जोड़ना चाहते थे, वे पार्टी छोड़कर चले गए। यदि कांग्रेस का कोई छोटा से छोटा कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर जाता है तो हमें दुख तो होता है। लेकिन एक सुखद अहसास है कि जो चुनौतीपूर्ण समय में सत्ता के लालच में चला जाए, उससे उसका चाल, चरित्र, चेहरा साफ हो जाता है। ऐसे भगोड़े भारतीय जनता पार्टी को मुबारक। दिल्ली कांग्रेस के नेता अरविंदर सिंह लवली के पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल होने के बाद दिल्ली महिला कांगे्रस की अध्यक्ष बरखा सिंह ने भी अपने पद से इस्तीफा देते हुए कांगे्रस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन पर पार्टी कार्यकताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
राष्ट्रीय राजधानी में 23 अपै्रल को होने जा रहे तीन नगर निगमों के चुनाव का उल्लेख करते हुए सुरजेवाला ने उम्मीद जताई कि दिल्ली की जनता भाजपा और आम आदमी पार्टी को हरा कर और कांग्रेस को जिता कर दस साल के भाजपा के प्रशासन के कुशासन को खत्म करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इन निगम चुनावों में अपने निवर्तमान पार्षदों के जो टिकट काटे हैं, उसका कारण है भ्रष्टाचार। उन्होंने कहा कि क्या इन पार्षदों का टिकट काट देने से दस साल का भ्रष्टाचार और जनता से की गई लूटखसोट एवं दिल्ली को नारकीय बनाने के अपराध खत्म हो गए। क्या इन मामलों में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जानी चाहिए? उन्होंने कहा कि तीनों दिल्ली नगर निगमों ने स्वच्छ भारत का क्रूर मजाक बनाया है।