लखनऊ.रेप केस में जेल में बंद यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की फैमिली सोमवार को योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की गुहार लेकर उनके जनता दरबार पहुंची। हालांकि, गायत्री की पत्नी और दोनों बेटियाें की सीएम से मुलाकात नहीं हो सकी। फैमिली का कहना है कि जब तक उनकी मुलाकात सीएम से नहीं होती है, वे फरियादियों की तरह आते रहेंगे। हम लोग दहशत में जी रहे हैं। बता दें कि एक महिला ने गायत्री पर गैंगरेप का आरोप लगाया है। महिला ने गायत्री पर उसकी बेटी से भी रेप की कोशिश का आरोप लगाया था। इस मामले में 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद गायत्री को लखनऊ से अरेस्ट किया गया था। रोती रहीं पत्नी और बेटियां…
– सीएम के 5 कालिदास मार्ग स्थित आवास पर पहुंचीं सपा लीडर की पत्नी और उनकी दोनों बेटियां रोती रहीं। मीडिया से बातचीत के दौरान वह अपने साथ लाए पेपर्स दिखाकर गायत्री के बेगुनाह होने की बात कहती रहीं।
– सीएम से मुलाकात न होने के बाद बेटी सुधा ने कहा कि जब तक सीएम से मुलाकात नहीं होगी, हम तब तक यहां आते रहेंगे। दोनों बेटियों सुधा और अंकिता ने बताया कि हम लोग दहशत में जी रहे हैं। हमारे पापा के खिलाफ साजिश की जा रही है। इसके सबूत भी हमारे पास हैं, लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
12 मई तक के लिए जेल भेजे गए हैं गायत्री
– लखनऊ कोर्ट ने गायत्री को 12 मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। कोर्ट ने ये आदेश गोमतीनगर थाने के एसआई और मामले के विवेचक हरिकेश राय की अर्जी पर दिया था।
– इससे पहले प्रजापति को रेप केस में जमानत देने वाले पॉक्सो कोर्ट के जज ओम प्रकाश मिश्र को सस्पेंड कर दिया गया था। हाई कोर्ट की एडमिनिस्ट्रेटिव कमेटी ने ये कार्रवाई 28 अप्रैल की रात को की थी। मिश्र 30 अप्रैल को रिटायर होने वाले थे।
– चीफ जस्टिस ने जज की मंशा पर शक जताते हुए अपने आदेश में लिखा, “जिस तरह से जज ने अपराध की गंभीरता को अनदेखा करते हुए आरोपी को जमानत देने में जल्दबाजी दिखाई, उससे हमें इन उनकी मंशा पर संदेह है जो खुद 30/4/2017 को रिटायर हो रहे हैं।”
– वहीं, इस मसले पर जस्टिस मिश्र ने जमानत देने के पीछे अपने आदेश में तर्क दिया था, “प्रजापति मामले में विक्टिम महिला ने 2014-16 के दौरान रेप की शिकायत नहीं की। इससे उसके दावे पर शक होता है।”
सरकार की अपील पर बेल पर लगी रोक
– गैंगरेप के आरोपी गायत्री, पिंटू सिंह और विकास वर्मा को सेशन कोर्ट ने जमानत दे दी थी। राज्य सरकार ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। सरकार का कहना था कि गायत्री और बाकी आरोपियों को फैक्ट्स देखे बगैर जमानत दी गई है। इसके बाद हाईकोर्ट ने उनकी जमानत पर रोक लगा दी थी।
– मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस डीबी भोसले ने आरोपी गायत्री के साथ पिंटू सिंह और विकास वर्मा को कस्टडी में लेने का ऑर्डर दिया। इससे पहले इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने 24 अप्रैल को महिला और उसके परिवार को प्रोटेक्शन देने का ऑर्डर यूपी पुलिस को दिया था।
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