Sunday, January 12, 2025
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GST की समझ रखने वालों को कंपनियां दे रहीं दोगुना इंक्रीमेंट

SI News Today

GST की समझ रखने वालों को कंपनियां दे रहीं दोगुना इंक्रीमेंटभारत में कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की सैलरी में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं की है। भारत में सैलरी की औसतन बढ़ोतरी करीब 12 फीसदी पर आ गई है। वहीं इसके उलट जीएसटी (गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स) के पेशेवरों के लिए अच्छी खबर है। जीएसटी के पेशेवरों को और क्षेत्रों की तुलना में सैलरी में ज्यादा बढ़ोतरी मिल रही है। देश का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म जीएसटी 1 जुलाई से लागू होने जा रहा है। इससे जीएसटी सर्विस फर्मों ने अपने ग्राहकों को बदलते व्यापार, टैक्स की गतिशीलता समझने, इसके प्रभाव का मूल्यांकन करने और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए एक बड़ा अवसर बनाया है। सैलरी के पुराने ट्रेंड को तोड़ते हुए जीएसटी पेशेवरों को सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी के साथ-साथ बड़ा बोनस भी मिल रहा है।

हालांकि, स्थानीय बाजार में नए सिंगल टैक्स सिस्टम को नियंत्रित करने वाले अनुभवी लोग केंद्र और राज्यों के अधिकारों के दोहरेपन की वजह से पर्याप्त नहीं हैं। द इकॉनोमिक टाइम्स के मुताबिक, इसी वजह से कंसल्टेंसी कंपनियां अन्य विभागों में जीएसटी की समझ रखने वाले लोगों को जीएसटी टीम में शामिल करने के लिए दबाव बना रही हैं। इंडस्ट्री के अधिकारी वर्ग के मुताबिक, पीडब्ल्यूसी, केपीएमजी, ईवाई, डेलॉइट और ग्रांट थॉरटॉन जैसी कंपनियां जीएसटी की समझ रखने वाले अपने कर्मचारियों को जीएसटी टीम में शामिल होने पर 25 से 30 फीसदी तक सैलरी में बढ़ोतरी दे रहीं हैं। अधिकारियों के मुताबिक जीएसटी टीम को बोनस के साथ-साथ औसतन 20 फीसदी की सैलरी मिल रही है, जबकि चार बड़ी कंपनियों में इस बार औसतन 12 फीसदी ही सैलरी में बढ़ोतरी हुई है।

जीएसटी लागू होने के बाद सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी (सीवीडी), स्पेशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम (एसएडी), वैट / सेल्स टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन टैक्स, ऑक्ट्रॉय एंड एंट्री टैक्स, परचेज टैक्स, लक्ज़री टैक्स खत्म हो जाएंगे। जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुओं एवं सेवाओं पर केवल तीन तरह के टैक्स वसूले जाएंगे। पहला सीजीएसटी, यानी सेंट्रल जीएसटी, जो केंद्र सरकार वसूलेगी। दूसरा एसजीएसटी, यानी स्टेट जीएसटी, जो राज्य सरकार अपने यहां होने वाले कारोबार पर वसूलेगी। तीसरा होगा वह जो कोई कारोबार अगर दो राज्यों के बीच होगा तो उस पर आईजीएसटी, यानी इंटीग्रेटेड जीएसटी वसूला जाएगा। इसे केंद्र सरकार वसूल करेगी और उसे दोनों राज्यों में समान अनुपात में बांट दिया जाएगा।

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