लखनऊ आवास विकास परिषद शहर में करीब चार हजार सस्ते फ्लैट बनाएगी। इनकी कीमत छह से आठ लाख रुपये के बीच रहेगी। शुक्रवार को आवास विकास परिषद बोर्ड में इसका प्रस्ताव पास कर दिया गया।
प्रधानमंत्री आवास योजना में अफोर्डेबल स्कीम के तहत बनाए जाने वाने इन आवासों के लिए एक सेल भी गठित कर दी गई है। यह सेल योजना को लेकर काम करेगी।आवास आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि मांग के अनुरूप से अधिक से अधिक सस्ते आवास बनाने के लिए बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास किया गया।
इसमें खास जोर रहा कि नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाए जिससे आवास की कीमत कम से कम रखने में मदद मिले। शहर में परिषद की जो भी योजनाएं सुल्तानपुर रोड, रायबरेली रोड और हरदोई रोड पर हैं वहां पर योजनाएं डिमांड के आधार पर लॉन्च की जाएंगी।
पीएम आवास योजना में अफोर्डेबल स्कीम के तहत दो तरह के आवास बनाए जाएंगे। उनमें एलआईजी व ईडब्ल्यूएस के आवास होंगे। आवास की कीमत अभी फिक्स तो नहीं की गई है मगर एलआईजी की कीमत करीब आठ लाख और ईडब्ल्यूएस की कीमत करीब छह लाख रुपये होगी।
योजना का प्रोजेक्ट फाइनल होने पर कीमत कुछ ऊपर नीचे हो सकती हैं। योजना को लेकर एक सेल भी बनाई गई है जिसमे एक अधीक्षक अभियंता और एक अधिशासी अभियंता को नामित किया गया है। योजना का प्रोजेक्ट बनाने से लेकर काम शुरू कराने तक की जिम्मेदारी सेल को दी गई है।
वृंदावन में 480 फ्लैट की योजना को भी हरी झंडी
डेमो पिक
रायबरेली रोड स्थित परिषद की वृंदावन योजना चार के सेक्टर-13 में जी प्लास थ्री योजना के 480 फ्लैटों के निर्माण का प्र्रस्ताव भी परिषद बोर्ड ने पास कर दिया है। इनको लेकर करीब दो महीने पहले पंजीकरण किया गया था।
आवास विकास परिषद के सचिव राजेश पांडेय ने बताया कि 480 फ्लैटों के लिए कुल 497 पंजीकरण हुए थे। जितने फ्लैट की योजना थी उससे अधिक पंजीकरण आने के बाद बोर्ड ने योजना का निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति दे दी है। अब योजना का काम शुरू हो सकेगा।
अवध विहार में 270 करोड़ के आईकोनिक टॉवर पर ब्रेक
परिषद सचिव राजेश पांडेय ने बताया कि अवध विहार योजना में आईकोनिक टॉवर बनाए जाने का प्रस्ताव बोर्ड ने पास नहीं किया। बोर्ड ने इसे स्थगित कर दिया है। अब पहले इसका परीक्षण होगा फिर आगे की कार्यवाही होगी।
परिषद अवध विहार योजना में 270 करोड़ रुपये लागत से पांच एकड़ में विधानसभा के लुक का नया शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने का प्रस्ताव बनाया था। जिसे पहले बोर्ड में मंजूर भी किया गया था। उसकी डिजाइन भी बन गई थी।
इसको लेकर यह कहा गया था कि इस आईकोनिक बिल्डिंग में परिषद के शहर में अलग-अलग चल रहे कार्यालयों को यहां पर शिफ्ट किया जाएगा।
इसके साथ बिल्डिंग के कुछ फ्लोर बेचे जाने की भी योजना था जिसमें कॉमर्शियल के साथ ही आवासीय सुविधा का प्रावधान भी किया गया था। लेकिन नई सरकार आने के बाद हुई पहली बोर्ड मीटिंग में इस पर रोक लगा दी गई।
अवध शिल्प ग्राम संचालन की योजना अब नए सिरे से बनेगी
शिल्प कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अवध विहार योजना में 213 करोड़ की लागत से बनाए गए ‘अवध शिल्प ग्राम’ का संचालन शुरू करने के लिए परिषद नए सिरे से योजना बनाएगी।