जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी के बाद नौशेरा सेक्टर के सीमावर्ती गांवों से 900 से अधिक लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है. इन्हें जिला प्रशासन की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. एक अधिकारी ने कहा, ‘नौशेरा से 900 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. इन लोगों के लिए तीन शिविर बनाए गए हैं.’
हालांकि नौशेरा सेक्टर में रविवार को गोलीबारी नहीं हुई है. अधिकारी ने कहा, ‘रविवार की सुबह राजौरी जिले के मांजकोट और केरी सेक्टरों में नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी हुई, लेकिन इसमें अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.’ बीते पांच दिनों में नौशेरा क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी गोलीबारी में तीन नागरिकों की मौत हुई है और नौ अन्य लोग घायल हुए हैं.
रविवार सुबह शुरू हुई फायरिंग
रक्षा प्रवक्ता ने कहा, ‘पाकिस्तानी सेना ने राजौरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास सुबह छह बजकर 45 मिनट से एक बार फिर छोटे हथियारों, 82 मिमी और 120 मिमी मोर्टारों से अंधाधुंध गोलाबरी शुरू की है. उन्होंने कहा, ‘भारतीय सेना की चौकियां प्रभावी और मजबूत ढंग से जवाब दे रही हैं. गोलीबारी जारी है.’
राजौरी के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा कि राजौरी के चिटीबकरी इलाके में संघर्ष विराम के ताजा उल्लंघन की बात सामने आई है. उन्होंने कहा, राजौरी के मांजकोट इलाके में भारी गोलीबारी सुबह छह बजकर 20 मिनट पर शुरू हुई. सात से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं. चौधरी ने कहा कि इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है.
तीन दिन के लिए 36 स्कूलों को बंद कराया गया
चौधरी ने कहा कि राहत शिविरों में रहने वाले प्रवासियों की संख्या में रातों रात 978 का इजाफा हुआ. अभी तक तीन गांवों से 259 परिवारों को निकाला जा चुका है. नौशेरा सेक्टर के 51 स्कूलों को अनिश्चितकाल के लिए बंद किया गया है. मंजाकोट और डूंगी क्षेत्रों के 36 स्कूलों को तीन दिन के लिए बंद किया गया है. 87 स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 4600 है.
जिला प्रशासन ने बनाए राहत शिविर
चौधरी ने कहा, ‘अधिकारियों और पुलिस ने अपनी जिंदगी को दांव पर लगाते हुए गोलीबारी से प्रभावित विभिन्न गांवों से 996 लोगों के सुरक्षित निकाला. इन्हें जिला प्रशासन द्वारा स्थापित विभिन्न शिविरों में पहुंचाया. इन शिविरों में राशन, भोजन पकाने, पेयजल, स्वच्छता, प्राथमिक उपचार और रहने की उचित व्यवस्था जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं.
उन्होंने कहा कि अब तक तीन शिविरों का संचालन शुरू किया जा चुका है और प्रभावित गांवों से संभावित प्रवास को ध्यान में रखते हुए 28 अन्य शिविरों को अधिसूचित कर दिया गया है.