फेसबुक के कोफाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट लिखकर अपनी आगे की रणनीति के बारे में पूरी दुनिया को बताया है। जुकरबर्ग ने बताया है कि उनके लिए जितनी अहमियत रिश्तों की है और किसी चीज़ की नहीं है। इन्हीं रिश्तों को और मजबूत बनाने के लिए वो दुनिया भर की ऐसी जगहों पर जाएंगे जहां वो आज तक कभी नहीं गए। मार्क ने अपने इस पोस्ट में ये भी बताया है कुछ लोग समझते हैं कि मैं राजनीति में आने के लिए घूम रहा हूं लेकिन इसके पीछे का सिर्फ और सिर्फ एक मकसद है कि मैं नए लोगों से मिलकर उनको समझने की कोशिश करूं। जुकरबर्ग का मानना है कि हर जगह की अलग सोच होती है। मैं लोगों से मिलकर उनके कल्चर को समझ कर जितनी हो सकेंगी समानताएं खोजूंगा। इन्हीं समानताओं को ध्यान में रखकर जुकरहबर्ग फेसबुक में कुछ तब्दीलियां करेंगे, ताकि अधिक से अधिक लोग उनसे जुड़ सकें।
मार्क जुकरबर्ग ने अपने पोस्ट में लिखा- मैंने अभी तक के अपने सफर में ये पाया है कि हमारे जीवन में रिश्तों की बहुत अहमियात होती है। हम संभावनाओं को कैसे देखते हैं, सूचनाओं का प्रसार कैसे करते हैं या किसी तरह की समस्या को कैसे खत्म करते हैं ये बहुत कुछ हमारे रिश्तों पर निर्भर करता है। मुझे अभी बहुत कुछ देखना है जिससे लोगों की सोच और रिश्तों की अहमियत की असमानताएं खत्म कर सकूं। इन असमानताओं से पार पाकर ही हम एक बेहतर विश्व का निर्माण कर सकते हैं। फेसबुक की हमेशा से यही कोशिश भी रही है। अकसर लोग समझते हैं कि दूर बैठा इंसान सिर्फ प्राप्त जानकारियों के आधार पर किसी भी नतीजे पर पहुंच सकता है। लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता। मैं लोगों से मिलकर ही उन्हें ज्यादा समझ पाता हूं। इसीलिए मैंनो पूरी दुनिया घूमकर लोगों को समझना चाहता हूं।
मार्क ने तीन कहानियों के माध्यम से समझाया कि कैसे हमारे रिश्ते किसी भी सामाजिक समस्या का हल निकालने में कारगर साबित होते हैं। जुकरबर्ग ने ये भी लिखा कि रिश्तें हमारे जीवन का सबसे अहम हिस्सा होते हैं। हम बेहतर रिश्तों से अपेन लिए संभावनाएं तलाश सकते हैं। मेरी कोशिश ये है कि हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को एक ऐसा प्लेटफॉर्म मुहैया कराएं जहां वो एक दूसरे से मिलकर रिश्ते बना सकें। हमने हमेशा से यही किया भी है और आगे भी इसमें बेहतरी के लिए प्रयास करते रहेंगे।