प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (26 मई) को देश के सबसे लंबे पुल का असम में उद्घाटन करेंगे। पीएम के दौर से एक दिन पहले राज्य के डिब्रुगढ़ जिले में स्थित एक तेल पाइपलाइन को बम धमाके से उड़ा दिया गया। धमाके की जिम्मेदारी उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) ने ली है। धमाके के बाद पीएम मोदी के दौरे के मद्देनजर असम को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पीएम मोदी ब्रह्मपुत्र नदी पर बने ढोला-सादिया पुल के उद्घाटन के बाद गुवाहाटी में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। 26 मई को मोदी सरकार के तीन साल पूरे हो रहे हैं।
पीएम मोदी अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने पर शुक्रवार को जहां भाषण देंगे वहां से धमाके की जगह महज 80 किलोमीटर की दूरी पर है। पीएम मोदी असम के कामरूप जिले के चांगसराई में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की भी आधारशिला रखेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असम सरकार को पीएम मोदी के शुक्रवार के दौरे से पहले उल्फा (आई) के संभावित हमले के प्रति आगाह किया था। पुलिस के अनुसार बम धमाके की जगह से उल्फा (आई) के एक उग्रवादी का शव मिला है।
पुलिस के अनुसार संभव है कि धमाका दुर्घटनावश हो गया हो जिसमें उग्रवादी मारा गया। मारे गए उग्रवादी की पहचान बॉबी दहोतिया के रूप में हुई है। बॉबी तिनसुकिया जिले का ही रहने वाला है। मीडिया को भेजे ईमेल में उल्फा (आई) के प्रचार सचिव अरुणोदय असोम ने तेल पाइलपाइन में धमाका करने की जिम्मेदारी ली। सुरक्षा बलों के अनुसार उल्फा (आई) के उग्रवादी नगालैंड से असम में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि असम पुलिस ने कहा है कि संभव है कि धमाका पाइपलाइन से तेल चुराने के लिए किया गया हो।
पीएम मोदी द्वारा उद्घाटित किया जाने वाला धौला-सादिया पुल 10 करोड़ की लागत से बना है। पुल की लंबाई 9.15 किलोमीटर है। पुल के साथ ही 28.5 किलोमीटर लंबाई के संपर्कमार्गों का भी निर्माण भी किया गया है। इस पुल को बनाने की मांग 2003 असम के तत्कालीन सीएम मुकुट मिथि ने तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी से की थी।