राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस की लंच पार्टी में विपक्ष भाजपा के खिलाफ लामबंद होता देखा गया। राष्ट्रपति के नाम पर आम सहमति बनाना इस बैठक का उद्देश्य रहा। लालू ने विपक्षी पार्टियों की एकता का ढांचा पेश किया, तो बसपा सुप्रीमो मायावती ने उस पर बल दिया। वरिष्ठ सपा नेता रामगोपाल यादव ने इस पर उनकी तारीफ की। इस दौरान उनके पास अखिलेश यादव भी बैठे थे।
2019 के चुनावों में विपक्ष अपने हाथों से मौका जाने नहीं देना चाहता, लिहाजा वह भाजपा के सामने कड़ी चुनौती पेश करने के लिए अभी से जद्दोजहद कर रहा है। शुक्रवार को इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लंच पार्टी रखी थी। गैर एनडीए दलों की इस बैठक में बहुजन समाजवादी पीर्टी की सुप्रीमो मायावती, ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी और राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने विपक्षी एकता बनाए रखने पर बल दिया।
उन सभी का आरोप था कि केंद्रीय एजेंसियों के दम पर भाजपा विरोधियों को खामोश करना चाह रही है। साथ ही पार्टी की कुछ नीतियां कमजोरों को दबाने की वजह बन रही हैं। बैठक में सहारनपुर हिंसा का मामला भी उठा। इसके बाद लालू ने प्रदेश में पार्टियों की एकता का ढांचा पेश किया। उनके मुताबिक सपा, बसपा और कांग्रेस मिल जाएं, तो 70 सीटें जीत सकती हैं। मायावती ने इस बाबत कहा कि वह 100 फीसद उनके साथ हूं।
समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने मायावती की इस पहल की तारीफ की। इस दौरान उनके पास पार्टी प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव बैठे थे। विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि मायावती की टिप्पणी पर कई लोगों ने तारीफ की। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में बीते दिनों करारी शिकस्त झेलने के बावजूद अखिलेश और मायावती कह चुके हैं कि उन्हें किसी प्रकार के गठबंधन से दिकक्त नहीं है।