संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सर्विसेज परीक्षा में कर्नाटक की नंदिनी केआर ने पहला स्थान हासिल किया है। नंदिनी चाहती तो आसानी से भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) का हिस्सा बनकर एक डिप्लोमेट बन सकती थीं, मगर उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) ज्वाइन करने की इच्छा जताई है। आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा, ”मैं आईएएस ज्वाइन करना चाहती हूं, आईएफएस नहीं क्योंकि मैं भारत में रहकर लोगों की सेवा करना चाहती हूं। ये भले ही चुनौतीपूर्ण है, मगर मुझे लोगों के लिए काम करने और सीखने का मौका मिलेगा।” नंदिनी के मुताबिक, उनके दोस्त पिछले हफ्ते भर से मजाक कर रहे थे कि वह टॉपर होंगी और इसे सेलिब्रेट करने की तैयारी करें। उन्होंने कहा, ”जब वे (दोस्त) ऐसा कहते तो मुझे यकीन नहीं होता। मैंने उनसे कहा कि मजाक मत करो और नतीजों का इंतजार करो। मुझे बहुत खुशी है और इस बात की राहत भी है कि तनाव खत्म हुआ।” नंदिनी 2015 में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के लिए चुनी गई थीं, जिसके बाद उन्हें केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग में प्रोबेशनरी ऑफिसर के पद नियुक्ति दी गई थी।
नंदिनी बताती हैं, ”मैंने पहली बार 2014 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी और 2015 में आईआरएस कैटेगरी में चुनी गई। मैं फिलहाल राजस्व सेवाओं की ट्रेनिंग के लिए फरीदाबाद में हूं। पिछले प्रयास में, मैं लगातार मेहनत नहीं कर सकी। मुझे जब इस बात का एहसास हुआ तो मैंने इस पर फोकस किया। मैं जमीन से जुड़कर काम करना चाहती हूं।” एक संयोग यह है कि वह कर्नाटक से यूपीएससी टॉप करने वाली दूसरी महिला हैं। उनसे पहले 2001 में विजयालक्ष्मी बिदारी ने यूपीएससी की परीक्षा में टॉप किया था।
नंदिनी कोलार जिले के केमबोदि गांव से आती हैं, जो कि राजधानी बेंगलुरु से करीब 100 किलोमीटर दूर है। वह अपने परिवार की बड़ी संतान हैं, उनका छोटा भाई तरुण पटेल (24) नई दिल्ली के भारतीय कृषि शोध संस्थान से पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है। नंदिनी ने सरकारी सहायता प्राप्त थिम्मैया विद्यालय में कन्नड़ माध्यम से पढ़ाई की है।
उन्होंने बेंगलुरु के एमएस रमैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है, वह अपने बैच की गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं। इसके बाद उन्होंने दो-तीन साल पर कर्नाटक के पीडब्ल्यूडी में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर काम किया, मगर दिल में आईएएस अधिकारी बनने की तमन्ना उन्हें यूपीएससी तक ले आई।
यूपीएससी की लिखित परीक्षा दिसंबर 2016 में हुई थी, और उसके बाद इस वर्ष मार्च और मई के बीच साक्षात्कार व व्यक्तित्व परीक्षण हुए थे। कुल 1,099 उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई है, और इसके अतिरिक्त 172 उम्मीदवारों की एक आरक्षित सूची भी है।