गायत्री मंत्र में वेदों का सार माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार गायत्री वेदमाता है और इसमें मनुष्य के सारे पापों को नष्ट करने की शक्ति होती है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करता है वो सारे पापों में मुक्त हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर गायत्री मंत्र का जाप सुबह के समय किया जाए तो यह श्रेष्ठ समय होता है। हालांकि गायत्री मंत्र का जाप किसी भी समय किया जा सकता है। कहा जाता है कि गायत्री मंत्र का जाप मौन रहकर करना चाहिए। गायत्री मंत्र का जाप कभी भी तेज आवाज में नहीं करना चाहिए।
गायत्री मंत्र का जाप करने के फायदे- गायत्री मंत्र का जाप करने से कई फायदे होते हैं। अगर किसी व्यक्ति को व्यापार में लाभ नहीं हो रहा तो व्यक्ति को गायत्री मंत्र करने की सलाह दी जाती है। ज्योतिषियों का कहना है कि शुक्रवार को पीले वस्त्र पहनकर अगर गायत्री मंत्र का जाप किया जाए तो दरिद्रता का नाश होता है। शुक्रवार को गायत्री मंत्र का जाप करते समय हाथी पर विराजमान गायत्री माता का ध्यान करना शुभ माना जाता है। ज्योतिषियों का कहना है कि जो लोग गायत्री मंत्र के आगे और पीछे श्री लगाकर मंत्र का जाप करते हैं उन्हें कभी पैसे की कमी नहीं होती।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति किसी रोग से परेशान है तो उसे किसी शुभ मुहूर्त में कांसे के किसी भी पात्र में साफ पानी भरकर रख देना चाहिए। इसके सामने लाल आसन रखकर बैठ जाए। लाल आसन पर बैठने के बाद गायत्रीं मंत्र के साथ ‘ऐं ह्रीं क्लीं’ का संपुट लगाकर इसका जाप करें। जाप खत्म होने के बाद जल का सेवन कर लें। माना जाता है कि इस जल का सेवन करने के बाद गंभीर से गंभीर रोग का नाश हो जाता है।
ज्योतिषियों का कहना है कि अगर किसी के विवाह में देरी हो रही है तो सोमवार 108 बार माता पार्वती का ध्यान करने से आपके विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं। माना जाता है कि इस जाप को पुरुष और महिलाएं दोनों कर सकती हैं।