Sunday, December 22, 2024
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देश के 20 स्टेशनों की नीलामी की तैयारी में रेलवे

SI News Today

लखनऊ. रेलवे मिनिस्ट्री ने देशभर के 20 स्टेशनों को निजी कंपनियों को नीलाम करने का फैसला किया है। इसके तहत इन स्टेशनों पर वर्ल्ड लेवल फैसिलिटीज की जिम्मेदारी इन कंपनियों पर होगी, जबकि ट्रेन ऑपरेशन, टिकट और सिक्युरिटी की देखरेख रेलवे संभालेगा। रिपोर्ट्स की मानें तो कानपुर सेंट्रल स्टेशन के लिए न्यूनतम बोली की सीमा 200 करोड़ रुपए है। इलाहाबाद स्टेशन के लिए 150 करोड़ रुपए रखा गया है। इन स्टेशनों को किया जाएगा नीलाम…

– मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस लिस्ट में मुंबई का लोकमान्य तिलक टर्मिनल, मुंबई सेंट्रल (मुख्य), बोरिवली, पुणे, ठाणे, विशाखापत्तनम, हावड़ा, इलाहाबाद, कानपुर सेंट्रल, कामाख्या, फरीदाबाद, जम्मू तवी, उदयपुर शहर, सिकंदराबाद, विजयवाड़ा, रांची, कोझिकोड, यशवंतपुर, बैंगलोर कैंट, भोपाल और इंदौर जैसे स्टेशनों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत डेवलप करने का फैसला किया है।

– सरकार ने इन स्टेशनों की ऑनलाइन नीलामी का निर्णय किया है, जिसमें 28 जून तक इच्छुक कंपनियां बोली लगा सकती हैं। इसके नतीजे 30 जून को अनाउंस किए जाएंगे, जहां सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले का नाम सार्वजनिक किया जाएगा।

कानपुर सेंट्रल की न्यूनतम बोली 200 करोड़ रुपए
– रिपोर्ट्स की मानें तो कानपुर सेंट्रल स्टेशन के लिए न्यूनतम बोली की सीमा 200 करोड़ रुपए है। इलाहाबाद स्टेशन के लिए 150 करोड़ रुपए रखा गया है।

– स्टेशनों को निजी कंपनी को सौंपने के बाद रेलवे सिर्फ ट्रेनों का ऑपरेशन, सुरक्षा व्यवस्था, टिकट बिक्री और पार्सल की जिम्मेदारी संभालेगा। वहीं, निजी कंपनी स्टेशनों पर 5 स्टार होटल, शॉपिंग मॉल और मल्टीप्लेक्स बनाएगी।

– इसके साथ ही वे प्लेटफार्म पर फूड स्टॉल, रिटायरिंग रूम, फ्रेश एरिया और प्ले एरिया भी डेवलप करेंगे, जहां ट्रेनों के लेट होने की हालत में पैसेंजर अब वहां वक्त बिता सकेंगे।

45 साल की लीज पर दिए जाएंगे स्टेशन
– रेलवे मिनिस्ट्री ने तय किया है कि पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप की इस व्यवस्था में स्टेशनों को 45 साल के लिए प्राइवेट कंपनियों को लीज पर दिया जाएगा।

– इस दौरान कंपनियों को अपने रेलवे स्टेशनों पर वर्ल्ड लेवल की फैसिलिटीज देनी होंगी। हालांकि, रेलवे और कंपनियों के बीच आमदनी के बंटवारे का फॉर्मूला तय नहीं हो पाया है।

– जहां रेलवे आमदनी में 50-50 का हिस्सा चाहता है, वहीं निजी कंपनियां 70-30 की हिस्सेदारी की बात कर रही हैं।

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