बरेली: 03 जून को यूपी के बरेली में हुए बस हादसे में 24 लोगों की मौत हुई थी। शुक्रवार को 21 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। 3 बच्चों की बॉडी को दफनाया गया। पुलिस प्रशासन के अलावा हजारों की तादात में लोग इकट्ठा हुए थे। यहां मौजूद हर शख्स सिर्फ एक ही अफसोस पर आंसू बहा रहा था। कोई भी परिवार अपनो का चेहरा नहीं देख सकी। हादसे में डेडबॉडी बुरी तरह से जल गई थीं। अंतिम संस्कार के समय डीएम, एसएसपी भी मौजूद रहे।
ऐसे हुआ था हादसा…
– बीते 3 जून की रात दिल्ली से गोंडा जा रही रोडवेज बस को बरेली के बिथरी बड़ा बाईपास पर ट्रक ने टक्कर मार दी थी। बस में लगी आग में जलकर 24 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
– बुरी तरह जले बॉडी की शिनाख्त नहीं हो सकी। उनका डीएनए सैंपल लेने के बाद शुक्रवार को बॉडी का अंतिम संस्कार किया गया। सुबह 9 बजे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों की देखरेख में बॉडी सिटी शमशान भूमि लाई गई। बॉडी में 3 बच्चों की बॉडी भी थी।
– उनको शमशान भूमि में दफनाया गया। सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं की मदद से पुलिस ने 21 चिताएं बनाईं। करीब 10:20 बजे शवों को एक साथ मुखाग्नि दी गई। डीएम पिंकी जोवेल ने बताया, डीएनए की रिपोर्ट आने में तीन से चार सप्ताह का समय लगेगा। उसके बाद ही मुआवजे की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
जल रहीं बॉडी को देखकर रोते रहे परिजन
– डेडबॉडी की शिनाख्त नहीं हो सकी थी। ऐसे में घरवालों को यह नहीं पता था कि कौन सा बॉडी उनके अपनों का है। जब भी एंबुलेंस से कोई बॉडी निकाली जाती, वहां मौजूद परिजन रोने-बिलखने लगते। पूरा शमशान रोने-चीखने की आवाज से गूंज रहा था।
पूरे सहयोग में नजर आई पुलिस
– दाह संस्कार के दौरान पुलिस का मानवीय चेहरा नजर आया। श्मशान में जहां बॉडी आते ही लोग नाक पर कपड़ा लगा लेते थे, वहीं पुलिसवाले बॉडी को उठाकर चिता पर रख रहे थे। कोई पुलिसवाला चिता पर लकड़ी सजा रहा था तो कोई गट्ठर की गांठ खोलकर बॉडी बाहर निकाल रहा था।